प्रणाली में रूटीन और रेग्युलेटरी कार्यों को किया जाएगा विभाजित
लखनऊ। योगी सरकार ने सचिवालय के कार्यों में तेजी लाने, समयबद्ध निस्तारण और पारदर्शिता के लिए विभागों में सचिवालय डेस्क ऑफिसर प्रणाली लागू करने का निर्णय किया है। इससे जहां फाइलों का तेज़ निस्तारण होगा, वहीं भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। साथ ही सरकार की योजनाओं को बिना देरी के लागू किया जा सकेगा। इसका सीधा फायदा प्रदेश की जनता को मिलेगा। मालूम हो कि मोदी सरकार के 40 मंत्रालयों में 623 डेस्क इकाई स्थापित की गयी है। डेस्क ऑफिसर प्रणाली के तहत एक अनु सचिव या वरिष्ठ अनुभाग अधिकारी डेस्क से जुड़ी जिम्मेदारियों की प्रकृति के आधार पर डेस्क अधिकारी के रूप में कार्य करता है।
विभागों ने भी दिए सुझाव
योगी सरकार द्वारा सचिवालय में लागू की जा रही डेस्क ऑफिसर प्रणाली का उद्देश्य सचिवालय स्तर पर विभागों में नियामक कार्यो का त्वरित एवं समयबद्ध निस्तारण करना है। यह प्रणाली ऑफिसर ओरिएंटेड है। इसके जरिये सचिवालय स्तर पर स्थित विभागों में अनुभागों के माध्यम से उच्चाधिकारियों तक पत्रावली प्रस्तुतिकरण के दौरान त्वरित कार्य निस्तारण में विलम्ब की संभावना को समाप्त करना है। ऐसे में सचिवालय स्तर पर विभागों में नियामक कार्यों (रेग्युलेटरी वर्क) के त्वरित एवं समयबद्ध निस्तारण के लिए सचिवालय स्तर पर स्थित विभागों में एक-एक डेस्क इकाई गठित की जाएगी। इसके लिए विभागों से सुझाव मांगे गये थे। इस पर सचिवालय के बीस विभागों द्वारा अपने विभाग में डेस्क ऑफिसर प्रणाली लागू करने पर सहमति दी गयी, जहां पर इसे जल्द लागू कर दिया जाएगा।
पहले चरण में 20 विभागों में लागू की जाएगी प्रणाली
सचिवालय स्तर के विभाग में डेस्क ऑफिसर प्रणाली के तहत हर डेस्क इकाई में एक विशेष सचिव, संयुक्त सचिव, निजी सचिव और अपर निजी सचिव की तैनाती की जाएगी। विभिन्न विभागों में कुछ ऐसे कार्य होंगे जो निश्चित रूप से नियामक कार्य (रेग्युलेटरी वर्क) होंगे। ऐसे में डेस्क ऑफिसर प्रणाली लागू करने के लिए सबसे पहले विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों को सामान्य (रुटीन) एवं नियामक कार्यों (रेग्युलेटरी वर्क) में विभाजित करना होगा। इसको लेकर सचिवालय के कई विभागों ने सहमति दे दी है। वहीं पहले चरण में सचिवालय के 20 विभागों में डेस्क इकाई का गठन कर डेस्क ऑफिसर प्रणाली को लागू किया जाएगा।