डॉ दिलीप अग्निहोत्री
पिछले कुछ दिनों में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनेक ऐतिहासिक कार्य हुए। चंद्रयान की सफ़लता ने भारत का गौरव बढ़ाया। चंद्रमा पर शिव-शक्ति और तिरंगा नामकरण किया गया। अध्यक्ष के रूप में भारत ने जी 20 का अभूत पूर्व शिखर सम्मेलन आयोजित किया। पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और विरासत का ऐसा उद्घोष पहले कभी नहीं हुआ था। कनाडा के प्रधानमंत्री के बचकाने बयान का माकूल जबाब दिया गया। नए संसद भवन में अधिवेशन का शुभारंभ किया गया। यह पहला अधिवेशन भी ऐतिहासिक रहा। तीन दशक के बाद महिला आरक्षण का विधेयक पारित किया गया। नारी शक्ति का वंदन हुआ। सफ़लता की इस पृष्टभूमि में नरेंद्र मोदी की काशी यात्रा का विशेष महत्व था। काशी के एमपी और देश के पीएम की दुनिया में सराहना हो रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भी नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित होने की प्रशंसा की गई।
भारत ने दुनिया के सामने मिसाल पेश की है। प्रधानमंत्री की काही यात्रा विकास की द्रष्टि से भी महत्त्व रही। काशी को अनेक सौगात दी। इसमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम व अटल आवासीय विद्यालय शामिल है। स्टेडियम बनने के बाद बनारस की आर्थिक स्थिति और सशक्त होगी। काशी सांसद संस्कृति महोत्सव प्रतियोगिता के दस विजेताओं का सम्मान भी खेलो भारत की सफ़लता को दर्शाने वाला है। संसद खेल प्रतियोगिता काशी-2023 पोर्टल भी लांच हुआ। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखना भी विकास का प्रमाण है। नारी शक्ति अधिनियम पास होने पर देश को संदेश दिया गया। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के ग्राउंड में करीब पांच हजार महिलाओं को नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इन महिलाओं में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं, कामकाजी महिलाओं के अलावा पार्टी के अलग-अलग संगठनों से जुड़ी महिला पदाधिकारी शामिल थी। देश की मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री ने अनेक कदम उठाये। उज्ज्वला योजना,पीएम आवास योजना,स्वच्छ भारत अभियान,बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान ट्रिपल तलाक का उन्मूलन पोषण अभियान सहित योजनाएं लागू की गई।
भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही अपने नेतृत्व एवं संगठन में मातृशक्ति को प्रतिनिधित्व देने के लिए कटिबद्ध रही है। भाजपा देश की अकेली और पहली पार्टी है जिसने अपने संगठन में राष्ट्रीय स्तर से लेकर बूथ समिति तक महिलाओं को आरक्षण और प्रतिनिधित्व दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई कार्य किये। स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश भर में लगभग बारह करोड़ इज्जत घर बना कर महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया गया। यूनिसेफ ने इसे ‘गेम चेंजर’ कहा। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने माना कि इससे भारत में हर साल लाखों बच्चों की जान बच रही है। पीएम आवास योजना ग्रामीण में लगभग 69 प्रतिशत आवास का मालिकाना हक़ महिलाओं को मिला है। जल जीवन मिशन से महिलाओं को काफी सहूलियत मिली है। इससे भी लाखों लोगों का जीवन बच रहा है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने कहा कि डायरिया के कारण लाखों बच्चे पहले काल कवलित हो जाते थे लेकिन जल जीवन मिशन से इन बच्चों की जानें बच रही हैं।
मातृशक्ति के सशक्तिकरण से न केवल देश की तस्वीर और तकदीर बदलेगी बल्कि देश की दृष्टि और दिशा भी बदलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध हैं। मोदी ने कहा था कि कभी-कभी किसी निर्णय में देश के भाग्य को बदलने की क्षमता होती है। संसद के दोनों सदनों द्वारा नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ रिकॉर्ड मतों से पारित किया जा चुका है। जिस बात का देश को पिछले कई दशकों से इंतजार था, वो सपना अब सच हुआ है। आज पूरे देश की माताएं, बहनें और बेटियां खुशी मना रही हैं, हम सबको आशीर्वाद दे रही हैं। कोटि-कोटि माताओं, बहनों के सपने को पूरा करने का सौभाग्य हमारी भाजपा सरकार को मिला है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम कोई सामान्य कानून नहीं है, ये नए भारत की नई लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता का उद्घोष है। साथ ही उन्होंने कहा कि ये अमृतकाल में सबका प्रयास से विकसित भारत के निर्माण की तरफ बढ़ा कदम है। लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी के लिए, इस कानून के लिए बीजेपी तीन दशक से प्रयास कर रही थी।
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सांस्कृतिक महोत्सव समापन समारोह आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री ने अटल आवासीय विद्यालय के बच्चों से संवाद भी किया। राजातालाब के गंजरी में आधुनिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनेगा।यह तीस एकड़ से अधिक क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। इस स्टेडियम की विषयगत वास्तुकला भगवान शिव से प्रेरित है, जिसमें अर्द्धचंद्राकार छत कवर और त्रिशूल के आकार की फ्लड-लाइट होगी। इसमें घाट की तरह बैठने वाली व्यवस्था को आकार दिया जाएगा। स्टेडियम की क्षमता तीस हजार दर्शकों की होगी। राजातालाब क्षेत्र में रिंग रोड के पास बनने वाले इस स्टेडियम के दिसंबर 2025 तक तैयार होने की संभावना है। साँस्कृतिक महोत्सव स्थल से ही प्रधानमंत्री ने काशी समेत उत्तर प्रदेश के अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण किया। नरेंद्र मोदी जब भी काशी यात्रा पर पहुँचते है, तब विकास कार्यों की सौगात भी देते है। कुछ समय पहले भी उन्होंने छह सौ करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और करीब सवा बारह सौ करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया था।
इनमें स्मार्ट सिटी,अर्बन डेवलपमेंट,सीवेज, वाटर सप्लाई, इंफ्रास्ट्रक्चर सहित तमाम परियोजनाएं शामिल थी उन्होंने यहां समग्र विकास का संदेश दिया था। अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज परिसर में बने अक्षयपात्र कम्युनिटी किचन का शुभारंभ किया था। अक्षय पात्र किचेन में दस मिनट की अवधि में आठ सौ बच्चों का भोजन तैयार होता है। एक घंटे में चालीस हजार रोटियां और दस मिनट में सोलह सौ लीटर दाल बन जाती है। इसकी क्षमता एक लाख बच्चों का भोजन तैयार करने की है। यहां निर्मित मिड डे मील को प्राथमिक स्कूलों में पहुंचाया जाता है। अक्षयपात्र फाउंडेशन भारत में दो केंद्रशासित प्रदेशों व चौदह राज्यों में भोजन वितरण का काम कर रहा है।
अक्षयपात्र किचन की वैन स्कूलों में खाना पहुंचाती है। बनारस की रसोई के लिए प्रदेश सरकार ने तीन एकड़ जगह और तेरह करोड़ रुपये उपलब्ध कराए थे। मीड डे मील तैयार करने के लिए पूरा ऑटोमेटिक किचन का निर्माण किया गया। इसमें आटा गूंथने से लेकर रोटी बनाने तक की मशीन शामिल है। इस किचन में पूरे चौबीस घंटे में तीन सौ लोग काम करते हैं। प्रदेश में सबसे पहले मथुरा वृंदावन में रसोई बनी थी। इसके बाद राजधानी लखनऊ और गोरखपुर में किचेन से स्कूली बच्चों को मिड डे मिल बांटा जा रहा है। उस यात्रा में प्रधानमंत्री ने शैक्षणिक सम्मेलन का भी शुभारंभ किया था। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में मुख्य सचिवों के एक सेमिनार को संबोधित किया था। जहां राज्यों ने इस मुद्दे पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की थी। इस संबंध में परामर्शों की शृंखला में वाराणसी शिक्षा समागम की अगली कड़ी थी। नरेन्द्र मोदी ने पहले भी कहा था कि कुछ एक भाषाओं के वर्चस्व के कारण बौद्धिक आदान-प्रदान और कौशल वृद्धि का दायरा सिकुड़ता गया। इस प्रवृति को रोकने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये भारतीय भाषाओं में उच्च शिक्षा जैसे चिकित्सा और प्रौद्योगिकी में शिक्षा सुविधाओं को सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। सरकार का प्रयास है कि कोई भी भारतीय सर्वश्रेष्ठ ज्ञान, कौशल, सूचना और अवसरों से वंचित न रहे।
भारतीय भाषाओं का विकास केवल एक भावनात्मक मुद्दा नहीं है बल्कि इसके पीछे बहुत बड़ा वैज्ञानिक आधार है। सात जुलाई को भी नरेंद्र मोदी काशी आए थे। तब उन्होंने बारह हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी थी। इन योजनाओं में मणिकर्णिका घाट का कायाकल्प, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, तीन रेलवे ओवरब्रिज, बीएचयू में बना दस मंजिला अंतर्राष्ट्रीय छात्रावास सहित करीब सौ सड़कों की मरम्मत और उनके निर्माण कार्य जनता को समर्पित किया था। वाटर टैक्सी को भी हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था। यह सन्योग है कि इसी हफ्ते राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने ग्रेटर नोएडा में यूपी इण्टरनेशनल ट्रेड शो के प्रथम संस्करण का शुभारम्भ किया था। विश्व के विभिन्न हिस्सों से सत्तर देशों के बायर्स भी इस ट्रेड शो में भाग ले रहे हैं। यहां एक जनपद एक उत्पाद’ से सम्बन्धित विभिन्न उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया है। राष्ट्रपति ने कहा था कि इसी वर्ष फरवरी में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सम्मिलित हुई थीं। उन्हें अवगत कराया गया है कि उस समिट में बहुत बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन प्रस्तावों को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के विकास को निरन्तर ऊर्जा तथा दिशा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उनकी पूरी टीम की सराहना करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह ट्रेड शो उत्तर प्रदेश के निर्माताओं एवं उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय बाजार तथा अपनी पहुँच और पकड़ बनाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले छह वर्षों में देश के आर्थिक विकास को अपना विशिष्ट योगदान दिया है। राज्य की जीडीपी तेरह लाख करोड़ रुपये थी, वह अब करीब बाईस लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। इकोनॉमिक ग्रोथ की यह उपलब्धि निस्संदेह सराहनीय है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में आर्थिक विकास तथा निवेश में वृद्धि हेतु कई कदम उठाए हैं। इन्वेस्टमेण्ट अपॉर्चुनिटीज को सरल बनाने, व्यापार को सुगम बनाने और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट को गति देने के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश अब देश में सबसे तेजी से बढ़ती राज्य स्तर की अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है। राज्यों के स्तर पर ऐसे उत्कृष्ट आर्थिक प्रदर्शन के बल पर ही भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व की सबसे तेज गति से विकसित हो रही बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है। आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और शीघ्र ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान प्राप्त करने के लिए संकल्पबद्ध है। इस राष्ट्रीय संकल्प को सिद्ध करने में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। उत्तर प्रदेश ने अपनी अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने का संकल्प लिया है। उत्तर प्रदेश में MSME के लिए अच्छा ईको-सिस्टम विकसित किया जा रहा है। छियानवे लाख से अधिक MSME इकाइयों के साथ उत्तर प्रदेश सभी राज्यों में पहले नम्बर पर है।
राज्य का निर्यात पहले लगभग अट्ठासी हजार
करोड़ रुपए से बढ़कर एक करोड़ पचहत्तर हजार करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। यह उत्तर प्रदेश का पहला इण्टरनेशनल ट्रेड शो था। उत्तर प्रदेश ने विगत छह वर्षों में बीमारू राज्य से देश की अर्थव्यवस्था के एक समृद्ध राज्य की ओर कदम बढ़ाया है। इण्टरनेशनल ट्रेड शो इस समृद्धि को शोकेस करने का एक अवसर है। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वर्तमान उत्तर प्रदेश, नया उत्तर प्रदेश है। यहां हाईवे, एक्सप्रेस-वे, वॉटर-वे तथा एयरवेज़ के रूप में अच्छी कनेक्टिविटी है। इससे विकास को गति देना सुगम हुआ है।