- बंदियों के परिजनों ने लगाए अवैध वसूली के गंभीर आरोप
- मशक्कत के नाम पर वसूले जा रहे 45 से 55 सौ रुपए प्रति बंदी
आर के यादव
लखनऊ। प्रदेश के जेलमंत्री के गृहजनपद आगरा की जिला जेल में जेल अधिकारियों की जमकर अवैध वसूली से बंदियों के परिजन काफी दुखी है। इस जेेल पर मशक्कत के नाम पर मोटी रकम वसूल कर मुलाकातियों को ठगा जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि शिकायत करने पर सुनवाई होना तो दूर की बात बंदियों का उत्पीडऩ जरूर किया जा रहा है। उधर जेल मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक आगरा जिला जेल में अधीक्षक, जेलर व डिप्टी जेलर के इशारे पर रायटर कैदियों ने लूट मचा रखी है। बंदियों परिजनों का आरोप है कि जेल में मशक्कत के नामपर 45 से 55 सौ रुपए प्रति बंदी वसूल किया जा रहा है। इसके साथ ही राइटरों का बंदियों के परिजनों के साथ अभद्रता व गाली गलौज करना इनकी नियति बन गया है। बंदियों का आरोप है कि अवैध तरीके से कमाकर देने वाले कैदी रायटर, हेड वार्डर व वार्डर की ड्यूटी महीनों बदली ही नही जाती है। यही नही जेल में बंदियो के भोजन के लिए आने वाले राशन के गल्ला गोदाम से आटा, मैदा, चीनी, चायपत्ती, मसाला, सरसों का तेल, रिफाइंड, देशी घी यहां तक की गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कैंटीन में किया जाता है।
बंदियों को घटिया भोजन परोसकर कैंटीन की कमाई बढाकर लाखो के वारे न्यारे किये जा रहे है। जेल अफसरों के साथ कैदी रायटर भी पूरी तरह से बेलगाम हो गए है। कैदी रायटर विजय कहता है वह अधिकारियो को कमा कर देता है। वह उसका कुछ नही बिगाड़ सकते है। मुलाहिजा में यह कैदी रायटर बंदियों से हैसियत के हिसाब से खुलेआम वसूली करता है। परिजनों का आरोप है कि शिकायत करने पर कार्रवाई होने के बजाए बंदियों का उत्पीडऩ जरूर किया जाता है। यह हाल प्रदेश के जेलमंत्री गृहजनपद आगरा का है तो प्रदेश की अन्य जेलों का हाल कैसा होगा। यह एक बड़ा सवाल है। उधर इस संबंध में जब आगरा जेल अधीक्षक हरी ओम शर्मा से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। डीआईजी जेल मुख्यालय एके सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसी कोई शिकायत अभी तक उन्हें मिली नहीं है। शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी।