सीमावर्ती गांवों को जीवंत बनाने के लिए सहयोगात्मक प्रयास आवश्यक: परनाइक

इटानगर। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केटी परनाइक ने शुक्रवार को कहा कि ‘वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम’ का लक्ष्य सीमावर्ती गांवों को सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है और इसके लिए एक सहयोगात्मक प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम’ में सीमावर्ती गांवों को जीवंत बनाने के लिए राज्य प्रशासन, सशस्त्र बलों और ग्रामीणों को शामिल होना चाहिए। राज्यपाल ने ऊपरी सुबनसिरी जिले के सुदूर सीमावर्ती गांव ताकसिंग का दौरा करते समय यह बात कही, जिसे प्रायोगिक तौर पर वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) के अंतर्गत चुना गया है। वहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कई कार्यक्रम और योजनाएं पाइपलाइन में हैं, लेकिन उन्हें सफल बनाने के लिए लोगों के योगदान और भागीदारी की आवश्यकता है।

उन्होंने ग्रामीणों से केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन में शामिल सरकारी अधिकारियों की सहायता करने और विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनने का आग्रह किया राज्यपाल ने ग्रामीण लोगों से सड़क संपर्क को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आह्वान किया, जिसका लोगों ने जोरदार स्वागत किया। उन्होंने लोगों को ‘आत्मनिर्भर’ बनने के लिए अवसंरचना, पर्यटक विकास और सामुदायिक हॉल विकसित करके भविष्य के लिए योजना तैयार और निर्माण करने की भी सलाह दी। राज्यपाल ने आगे कहा कि सभी हितधारकों के बीच सुविधाओं को साझा किया जाना चाहिए। क्योंकि अरुणाचल प्रदेश में सीमावर्ती ग्रामीणों का सशस्त्र बलों के साथ बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। बैठक के दौरान उन्होंने गांव बुराहस, पंचायत सदस्यों से अपील किया कि वे तपेदिक, कैंसर और नशे की लत के उन्मूलन के लिए प्रशासन की सहायता करें। परनाइक ने गांव में स्वयंसेवकों, विशेष रूप से महिलाओं को स्वयंसेवक बनाने की सिफारिश की, जिन्हें स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता और सफाई में प्रशिक्षित किया जा सकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

राज्यपाल ने ग्रामीणों से क्षेत्र की बागवानी और कृषि क्षमता का उपयोग करने का भी आग्रह किया और कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सशस्त्र बलों के बीच अधिशेष उपज का विक्रय किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि इससे सशस्त्र बलों के जवानों को ताजी सब्जियां मिल सकेंगी और सीमावर्ती गांवों में ग्रामीणों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा।  परनाइक ने उपस्थित जिला प्रमुखों के साथ भी बातचीत की और उन्हें यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि योजनाओं का लाभ कतार में अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। इससे पहले ताकसिंग गांव पहुंचने पर राज्यपाल की अगवानी ताकसिंग हेलीपैड पर अतिरिक्त उपायुक्त तकार रवा और एसपी थुतन जाम्बा ने की, जहां उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से बातचीत की और उनके ताजे फलों, सब्जियों और स्थानीय रूप से तैयार खाद्य उत्पादों सहित उनके प्रदर्शनों को देखा। उन्होंने ताकसिंग राजकीय उच्च प्राथमिक पाठशाला का भी दौरा किया और छात्रों तथा शिक्षकों से बातचीत की। (वार्ता)

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