राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी, निर्यात पांच गुना करने का लक्ष्य

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन को अधिसूचित किया। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड देश में हल्दी और हल्दी उत्पादों के विकास और वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेगा। ठाकुर ने कहा कि इससे हल्दी उत्पादक तेलंगाना और अन्य राज्यों में किसानों को फायदा होगा तथा हल्दी का निर्यात एक अरब डालर (8500 करोड़ रुपये) तक जा सकता है जो अभी 1600 करोड़ रुपये के बराबर है। उन्होंने कहा कि इस समय हल्दी उत्पादक राज्यों में कुल 3.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती होती है। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खास कर तेलंगाना के हल्दी किसानों की चिर लंबित मांग पूरी की है। उन्होंने कहा, ‘हमारे किसानों ने तय किया था कि जब तक हल्दी बोर्ड नहीं बनेगा वे पांव में चप्पल नहीं डालेंगे। अब हमारी पार्टी (भाजपा) ने तेलंगाना के हल्दी किसानों को जगह जगह चप्पल भेंट करने का कार्यक्रम आयोजित किया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी इसी सप्ताह हल्दी बोर्ड के गठन की घोषणा की थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड इसससे संबंधित मामलों में नेतृत्व प्रदान करेगा, प्रयासों को मजबूत बनाएगा तथा हल्दी क्षेत्र के विकास और वृद्धि में मसाला बोर्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ अधिक समन्वय की सुविधा प्रदान करेगा।

सरकार का कहना है कि हल्दी के स्वास्थ्य और कल्याण लाभों पर विश्व भर में महत्वपूर्ण संभावनाएं और रुचि है, जिसका लाभ बोर्ड जागरूकता और खपत बढ़ाने, निर्यात बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए बाजार विकसित करने, नए उत्पादों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने तथा मूल्यवर्धित हल्दी उत्पादों के लिए हमारे पारंपरिक ज्ञान के विकास का काम करेगा। यह विशेष रूप से मूल्य संवर्धन से अधिक लाभ पाने के लिए हल्दी उत्पादकों की क्षमता निर्माण और कौशल विकास पर फोकस करेगा। बोर्ड गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा मानकों और ऐसे मानकों के पालन को भी प्रोत्साहित करेगा। बोर्ड मानवता के लिए हल्दी की पूरी क्षमता की सुरक्षा और उपयोगी दोहन के लिए भी कदम उठाएगा।

बोर्ड की गतिविधियां हल्दी उत्पादकों के क्षेत्र पर केंद्रित और समर्पित फोकस तथा खेतों के निकट बड़े मूल्यवर्धन के माध्यम से हल्दी उत्पादकों की बेहतर भलाई और समृद्धि में योगदान देंगी, जिससे उत्पादकों को उनकी उपज के लिए बेहतर कीमत मिलेगी। अनुसंधान, बाजार विकास, बढ़ती खपत और मूल्य संवर्धन में बोर्ड की गतिविधियां यह भी सुनिश्चित करेंगी कि हमारे उत्पादक और प्रोसेसर उच्च गुणवत्ता वाले हल्दी और हल्दी उत्पादों के निर्यातकों के रूप में वैश्विक बाजारों में अपनी प्रमुख स्थिति बनाए रखना जारी रखेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार हल्दी बोर्ड में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष, आयुष मंत्रालय, केंद्र सरकार के फार्मास्यूटिकल्स, कृषि और किसान कल्याण, वाणिज्य और उद्योग विभाग, तीन राज्यों के वरिष्ठ राज्य सरकार के प्रतिनिधि (रोटेशन के आधार पर), अनुसंधान में शामिल राष्ट्रीय/राज्य संस्थानों, चुनिंदा हल्दी किसानों और निर्यातकों के प्रतिनिधि होंगे, बोर्ड के सचिव की नियुक्ति वाणिज्य विभाग द्वारा की जाएगी।

भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। वर्ष 2022-23 में 11.61 लाख टन (वैश्विक हल्दी उत्पादन का 75 प्रतिशत से अधिक) के उत्पादन के साथ भारत में 3.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती की गई थी। भारत में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं और यह देश के 20 से अधिक राज्यों में उगाई जाती है। हल्दी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं। हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत से अधिक है। 2022-23 के दौरान, 380 से अधिक निर्यातकों द्वारा 20.74 करोड़ डालर मूल्य के 1.534 लाख टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात किया गया था। भारतीय हल्दी के लिए प्रमुख निर्यात बाजार बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया हैं। बोर्ड की केंद्रित गतिविधियों से यह उम्मीद की जाती है कि 2030 तक हल्दी निर्यात अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। (वार्ता)

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