
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता
दुनिया के कई देशों में पांच अक्टूबर को शिक्षकों की स्थिति को बेहतर बनाने और अपने क्षेत्रों में लगन से कार्य कर रहे शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए ‘विश्व शिक्षक दिवस’ आयोजित किया जाता है। हर साल पांच अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 1966 में विश्व शिक्षक दिवस का प्रस्ताव पारित किया गया था। भारत में हर साल शिक्षकों के सम्मान में पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। ठीक इसी तरह पूरी दुनिया में शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए पांच अक्टूबर को ‘विश्व शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है। हम सभी अपने जीवन में एक शिक्षक या टीचर की भूमिका को बखूबी जानते हैं। दुनिया भर में सभी शिक्षक लगन और समर्पण भाव से अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए नई जेनरेशन और अच्छे विद्यार्थियों को विकसित करते हैं। यूनिसेफ, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और एजुकेशन इंटरनेशनल (ईआई) ने मिलकर शिक्षकों को उनकी जिम्मेदारी और अहमियत के प्रति जागरूक करने और उनकी मेहनत के लिए उन्हें सम्मानित करने के लिए हर साल विश्व शिक्षक दिवस का आयोजन करते हैं।
विश्व शिक्षक दिवस का इतिहास
साल 1960 के समय लगभग सभी देशों के शिक्षकों को अलग-अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिसके लिए पांच अक्टूबर 1966 में ‘टीचिंग इन फ्रीडम संधि’ को बनाया गया, जिसमें दुनिया के शिक्षकों की स्थिति को सुधारने और उन्हें जागरूक करने के लिए एक समझौता पारित किया गया। 1994 में यूनिसेफ के द्वारा समझौते में 100 देशों को शामिल किया गया और तभी से पांच अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
क्यों मनाया जाता है विश्व शिक्षक दिवस?
पांच अक्टूबर 1966 में Teaching in Freedom संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे और विश्व में शिक्षकों की स्थिति को सुधारने के लिए इस मिशन में लगभग 100 देशों को शामिल कर अध्यापकों के लिए कई कानून बनाएं गए थे। विश्व में इस बदलाव से अध्यापकों की स्थिति काफी सुधरी और उन्हें सम्मान मिला जिसे देखते हुए पांच अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया।