बेरुत। लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने फ़िलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष और इजरायल के साथ बढ़ते सीमा तनाव के मध्य लेबनान को युद्ध में उतरने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है। मिकाती ने एक साक्षात्कार में यह संकेत देते हुए कि हिजबुल्लाह अपना निर्णय ले सकता है। उन्होंने कहा कि किसी ने उनसे वादा नहीं किया था कि युद्ध नहीं होगा क्योंकि हालात लगातार बदल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि युद्ध में जाने या शांति बनाए रखने का निर्णय सरकार द्वारा नहीं किया जाता है। उन्होंने यह इशारा किया कि हिजबुल्लाह एक सशस्त्र लेबनानी सैन्य समूह है जिसने पिछले सप्ताह इज़राइल के साथ गोलीबारी की थी। वह अपना निर्णय ले सकता है। उन्होंने कहा कि लेबनान में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखना उनकी प्राथमिकता और चिंता है। मिकाती ने जोर देकर कहा कि इजरायल को हिजबुल्लाह को भड़काना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेबनानी सेना क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के प्रयास में दक्षिणी लेबनान में अग्रिम पंक्ति में खड़ी है।
गौरतलब है कि सात अक्टूबर की सुबह हमास द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए हमले के समर्थन में हिजबुल्लाह द्वारा उसके अगले दिन यानी आठ अक्टूबर को शेबा फार्म्स में सैन्य स्थलों की ओर कई मिसाइलें दागी थी। जिस के बाद लेबनानी-इजरायल सीमा पर तनाव बढ़ गया है। इजरायल ने शुक्रवार को दक्षिणी लेबनान के अल-धाहिरा, अल्मा अल-शाब और यारिन शहरों के आसपास के क्षेत्र पर बमबारी करके अपना हमला तेज कर दिया। इसमें रॉयटर्स के लिए काम करने वाले एक लेबनानी फोटोग्राफर की मौत हो गई और छह अन्य पत्रकार घायल हो गए थे। (वार्ता)