जयपुर से राजेंद्र गुप्ता
अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ललिता पंचमी के नाम से जाना जाता है। शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन स्कन्दमाता की पूजा की जाती है। इसके साथ ही सती स्वरूप मां ललिता की पूजा की जाती है। ललिता पंचमी का व्रत गुजरात और महाराष्ट्र में सबसे अधिक मनाया जाता है। मान्यता है कि देवी ललिता की पूजा करने से रोग, दोष समाप्त होते हैं।
ललिता पंचमी की तिथि
ललिता पंचमी 19 अक्टूबर 2023, गुरुवार को है। इसे उपांग पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। मां ललिता को महात्रिपुरसुन्दरी, षोडशी, ललिता, लीलावती, लीलामती, ललिताम्बिका, लीलेशी, लीलेश्वरी, ललितागौरी भी कहा जाता है।
ललिता पंचमी का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 19 अक्टूबर 2023 को प्रात: 01 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी। अगले दिन 20 अक्टूबर 2023 को प्रात: 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगी।
पूजा का मुहूर्त – सुबह 06.24 – सुबह 07.49
सुबह 10:40 – दोपहर 12:06
ललिता पंचमी पूजा विधि
माता ललिता को समर्पित इस व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान सम्पन्न कर लें और इसके बाद मंदिर में ललिता पंचमी व्रत का संकल्प लें। सबसे पहले भगवान श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें और फिर अशोक सुन्दरी माता की आराधना करें। साथ ही उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगे। फिर माता ललिता के चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करें और माता ललिता सहस्रावली का पाठ करें। पूजा के समय इस बात ध्यान रखें कि आपका मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए।
ललिता पंचमी का महत्व
मां ललिता दस महाविद्या में से एक हैं। नवरात्रि के 5वें दिन मां ललिता का व्रत भी रखा जाता है और विधि-विधान से देवी सती के रूप मां ललिता की पूजा एवं आराधना की जाती है। दक्षिणमार्गी शाक्तों के मतानुसार देवी ललिता को चण्डी का स्थान प्राप्त है। इनकी साधना से आरोग्य मिलता है। सुख-समृद्धि आती है।