नई दिल्ली। भारतीय रेलवे की अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर नौजवानों, बच्चों और कामकाजी वर्ग के बीच खासी लोकप्रियता मिल रही है और इसके कारण से कई महानगरों के बीच विमान सेवाओं के किराये एवं फेरों की संख्या पर भी असर पड़ा है। रेलवे बोर्ड ने विभिन्न वंदे भारत ट्रेनों में अब तक हुई बुकिंग के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद कहा है कि देश के युवाओं और कामकाजी वर्ग में गति, सुविधा और समय बचाने के लिए भारतीय रेलवे की पूर्ण स्वदेशी तकनीक से निर्मित यह ट्रेन सेट सबसे पसंदीदा यात्रा विकल्प के रूप में उभर रहा है।
आंकड़ों के अनुसार वंदे भारत में यात्रा करने वाले 25-34 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं (पुरुष, महिला) के, औसतन 27.5 प्रतिशत यात्री इसी आयु वर्ग के हैं। इसी तरह, 35-49 वर्ष के बीच आयु वर्ग में, औसतन 28.6 प्रतिशत यात्री परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में वंदे भारत एक्सप्रेस को प्राथमिकता देते हैं। कुल मिलाकर, लगभग 56 प्रतिशत यात्री युवा और कामकाजी वर्ग के हैं। वंदे भारत में यात्रा करने वाले सभी आयु वर्ग के यात्रियों में यह आयु वर्ग सबसे अधिक हो गया है।
यही नहीं, देश में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों ने भी अपनी सुविधा और गति के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस के प्रति अपनी रुचि दिखाई है। एक आंकड़े के मुताबिक, सभी यात्रियों में औसतन 12.5 फीसदी यात्री इसी आयु वर्ग के होते हैं। एक अध्ययन के हवाले से रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में चेन्नई-बेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम-कासरगोड, मुंबई-पुणे, जामनगर-अहमदाबाद और दिल्ली-जयपुर मार्गों पर वंदे भारत की शुरुआत के साथ, इन क्षेत्रों में हवाई किराए में अप्रैल के स्तर से 20-30 प्रतिशत की की गिरावट आई है। इन मार्गों पर वंदे भारत की शुरूआत से एयरलाइंस के 10-20 प्रतिशत ग्राहक आधार पर काफी प्रभाव पड़ा है। इसके प्रभाव से इन क्षेत्रों पर वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत से पहले के हवाई किराए की तुलना में इन मार्गों पर हवाई किराए में उल्लेखनीय गिरावट आई है। चेन्नई से बेंगलुरु के बीच यात्री किराये अप्रैल में 900 रुपए से 2000 रुपए के बीच रहे।
परिवहन क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार वंदे भारत एक्सप्रेस ने हवाई किराए की गतिशीलता को बदल दिया है। इसके साथ ही लोग अपने वाहन से यात्रा करने के बजाय वंदे भारत एक्सप्रेस को प्राथमिकता देते हैं। उदाहरण के लिए विजयवाड़ा से रेनीगुंटा (तिरुपति) तक वंदे भारत एक्सप्रेस में पांच घंटे लगते हैं। जबकि सड़क यात्रा में सात घंटे लगते हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस आज पूरे भारत में सबसे अधिक मांग वाली ट्रेन है। युवाओं के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस का क्रेज सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है, जहां लोग भारतीय रेलवे की इस नई ट्रेन के साथ अपनी सेल्फी अपलोड कर रहे हैं और वीडियो बना रहे हैं।(वार्ता)