- शहीदों के सम्मान में झुके शीश
- पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते जवान
- मुख्यमंत्री व DGP सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने अमर शहीदों को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। पुलिस लाइन में शनिवार की सुबह अलग थी। शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में शस्त्र और शीश दोनों झुके थे। शोक की धुन बजते ही शहीदों की याद में कई आंखें नम हो गईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, DGP विजय कुमार पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर स्थापित की गई और शोक पुस्तिका पर पुष्पचक्र चढ़ाकर अमर शहीदों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस लाइन में आयोजित स्मृति दिवस पर आयोजित परेड का नेतृत्व आईपीएस अफसर ने अपनी बुलंद आवाज़ में किया। इस बीच शोक पुस्तिका को मंच पर स्थापित किया, जहां DGP ने शहीद हुए पुलिसकर्मियों की संख्या व यूपी में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के नाम पढ़े। इसके बाद शोक पुस्तिका को शहीद स्मारक पर ले जाया गया। परेड कमांडर ने DGP और फिर मुख्यमंत्री को मान प्रणाम भी किया।
- सीएम ने पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस लाइन में शोक परेड की ली सलामी,
- कहा शहीदों के परिवारीजनों और पुलिस के कल्याण के लिए सरकार कर रही काम
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है। अपराधियों में कानून का भय कायम हुआ है। वे अपनी जमानत ख़ारिज कर सलाखों के पीछे गए हैं। कई खूंखार अपराधी मुठभेड़ मारे गए तो अपराधी कई गिरफ्तार होकर पहुंचे सलाखों के पीछे तो कईयों को किया गया जिला बदर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस लाइन में शोक परेड की सलामी लेने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जबसे सरकार आई है, कानून व्यवस्था को सुधारने के साथ-साथ पुलिस बल को मजबूत करने के लिए अनेक काम किए गए हैं। पुलिस की कार्रवाई में जहां भारी मात्रा में अपराधी मारे गए और घायल भी हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह इस साल भी कई पुलिस जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। इन बहादुर जवानों ने प्रदेश में शासन और पुलिस विभाग का गौरव बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिवारीजनों से की भेंट
मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों से मुलाकात की। इनमें शहीद आरक्षी संदीप निषाद, आरक्षी राघवेन्द्र सिंह व जालौन निवासी आरक्षी भेदजीत सिंह के परिवारीजन शामिल थे। गवाह विधायक राजू पाल हत्याकांड की सुरक्षा ड्यूटी में लगे थे कि 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल निवासी धूमनगंज प्रयागराज व उनके सुरक्षा में लगे गनर संदीप निषाद व राघवेन्द्र सिंह अपने घर की ओर जा रहे थे कि जैसे ही घर के सामने गाड़ी रोककर वाहन से उतरे कि बदमाशों ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में संदीप निषाद व राघवेन्द्र सिंह जख्मी हो गए। इन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज़ के दौरान दोनों बहादुर जवानों की मौत हो गई थी। वहीं कोतवाली नगर उरई की चौकी पर तैनात आरक्षी राघवेन्द्र सिंह को बदमाशों ने मौत की नींद सुला दिया था।
- नम आंखों में चमक उठी शहादत,
- अपनों की याद में छलक पड़ी आंखें,
अपनों को खोने का दर्द कोई बांट नहीं सकता। वक्त भी शायद ही उनके जख्मों को भर सके, लेकिन शनिवार को शहीदों के सम्मान में जब सैकड़ों शीश झुके तो शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारीजनों का सिर फक्र से ऊंचा हो गया। आंखों से झरझर आंसू बह रहे थे पर उनकी नमी से वह गर्व भी थे, जिसे वह ज़िन्दगी भर सीने में समेटे कर रखेगी। शहीद पुलिसकर्मियों की पत्नियों ने एक हाथ से आंसू को पोछते हुए खुद को संभाला और बस इतना ही बोली कि मासूम बच्चे हैं।
मुख्यमंत्री ने हर संभव मदद करने का दिया आश्वासन
कर्तव्य की बलि वेदी पर प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों की पत्नियों को जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर कदम पर मदद करने का आश्वासन दिया, वहीं पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री से कई सौगातें मिलने की उम्मीद थी, पर उन्हें आश्वासन ही हाथ लगा।