
श्रीनगर। केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की अध्यक्षता में एक न्यायाधिकरण का गठन किया है, जो यह तय करेगा कि क्या जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (JKDFP) को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एक अधिसूचना में गृह मंत्रालय (MHA) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की अध्यक्षता में एक न्यायाधिकरण की स्थापना की है। इसका उद्देश्य यह तय करना है कि जेल में बंद कश्मीरी अलगाववादी शब्बीर शाह की अध्यक्षता वाले JKDFP पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं। यह कदम गृह मंत्रालय की ओर से शब्बीर शाह की JKDFP को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित किए जाने के 15 दिन बाद उठाया गया है।(वार्ता)