
डॉ दिलीप अग्निहोत्री
योगी आदित्यनाथ की सनातन चिंतन पर अस्था है। उनका सुशासन मॉडल इसी से प्रेरित है। इसमें भेदभाव नहीं है। इसमें सुरक्षा और सम्मान शासन की प्राथमिकता है। नवरात्र का भी यही सनातन संदेश है। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर के भोजनालय में पीतल के बर्तन में भरे जल में नौ नन्ही बालिकाओं के बारी-बारी पांव धोए। दुर्गा सप्तशती के मंत्रोच्चार के बीच कन्याओं के माथे पर तिलक लगाया। इसके बाद चुनरी ओढ़ाकर उपहार एवं दक्षिणा प्रदान कर आशीर्वाद लिया।
पूजन के बाद कन्याओं को योगी ने अपने हाथों से भोजन परोसा। नौ कन्याओं के अलावा बड़ी संख्या में पहुंची बालिकाओं और बटुकों का भी मुख्यमंत्री ने पूजन किया और घंटी बजाते हुए आरती उतारी। योगी ने सनातन प्रार्थना का उल्लेख किया। शक्ति की अधिष्ठात्री देवी माँ भगवती की कृपा संपूर्ण चराचर जगत पर बनी रहे। सभी का कल्याण हो। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ने सदैव मातृशक्ति के सम्मान और उनके सशक्तिकरण पर जोर दिया और इसलिए कुँवारी कन्याओं का पूजन किया जाता है।
कन्या पूजन के इस अनुष्ठान को सम्पन्न करना सौभाग्य की बात है। यह मातृशक्ति के सम्मान और उनके सशक्तिकरण का बहुत अच्छा और सशक्त माध्यम भी है। जहाँ पूरे प्रदेश में नव दुर्गा के पूजन के कार्यक्रम संपन्न हो रहे हैं वहीं शासन के स्तर पर भी मिशन शक्ति का कार्यक्रम भी बहुत प्रभावी ढंग से आगे बढ़ रहा है। शारदीय नवरात्र अष्टमी पर अयोध्या में योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति के क्रम में ‘मिशन महिला सारथी’ का शुभारम्भ किया था। यहां से 51 बसें प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर रवाना किया था। इन बसों की चालक और परिचालक महिलाएं हैं। उन्होंने मिशन महिला सारथी’ के प्रतीक का अनावरण किया था। प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रदेश शासन की विभिन्न सेवाओं में डेढ़ लाख से अधिक बहन-बेटियों को नियुक्ति प्रदान की गई है।