मनुज बली नहीं होत है… समय होत बलवान…

  • अब दुनिया की रंगीनियत से दूर केवल काम पर फोकस हैं यूपी की यह अफसर
  • लम्बे संघर्षों के बाद मिले पद को सही से जी रही हैं 2008 बैच की आईएएस बी.चंद्रकला
आशीष द्विवेदी
आशीष द्विवेदी

लखनऊ। वो भी एक दौर था, जब सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश की इस अफसर के जलवे हुआ करते थे। लाखों फॉलोवर। एक मिनट में ही लाखों लाइक। शेयर, रिट्वीट और कमेंट की झड़ी तब तक नहीं टूटती थी, जब तक नई पोस्ट न आ जाए। लेकिन पिछले पांच साल से इनके सितारे गर्दिश में हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) इनके लखनऊ आवास समेत कई लोगों के 12 ठिकानों पर छापे मार चुकी है। तभी से इन्होंने सोशल मीडिया से तौबा कर लिया और इनके साथ इनके लाखों फॉलोवर गायब हो गए। किसी ने उन्हें टैग करके भी कोई बड़ी खबर ‘ब्रेकिंग’ नहीं बनाई। न ही किसी ने उनके उन हजारों कार्यों को दोबारा सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो उन्होंने जनता के लिए किया था।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मार्च 2012 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी। अगले माह अप्रैल में ही उन्होंने बी. चंद्रकला को हमीरपुर जैसे खनन बहुल जिले का जिलाधिकारी बना दिया। वह जून 2014 तक हमीरपुर की डीएम रहीं और वहीं से उनके हिस्से विवादों ने घर किया। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि जुलाई 2012 में नियम-कानून को दरकिनार कर सत्तापक्ष के लोगों के कहने पर बी.चंद्रकला ने 60 पट्टे बांट डाले थे, जबकि कानूनन उन्हें ई-टेंडरिंग से ये पट्टे देने थे। हाईकोर्ट में केस हुआ तो उच्च अदालत ने इन सभी पट्टों को अवैध ठहरा दिया। बात यहीं रुक जाती तो ठीक थी, लेकिन अक्टूबर 2016 में यूपी की सबसे बड़ी कचहरी ने इस मामले की जांच CBI को सौंप दी। तब बी.चंद्रकला मेरठ जैसे महत्वपूर्ण जिले की डीएम थीं। साल 2012 से 2017 तक (अखिलेश के सीएम रहने तक) चंद्रकला डीएम बनी रहीं और हमीरपुर, मथुरा, बुलंदशहर, बिजनौर और मेरठ जैसे जिलों की जिलाधिकारी रहीं।

साल 2017 में यूपी की जनता ने फलक पर भगवा लहरा दिया और योगी आदित्यनाथ सूबे के वजीर-ए-आला बने। तब चंद्रकला केंद्र जा पहुंची और मार्च 2017 से फरवरी 18 तक केंद्र में तैनात रहीं। इस दौरान वह पेयजल एवं स्वच्छता मिशन की अनु सचिव व उप सचिव रहीं। वहीं मार्च 2018 से वह वापस यूपी में अपनी सेवाएं दे रही हैं, लेकिन किसी लाइम लाइट वाले पद पर नहीं, बल्कि विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा और APC  ब्रांच के पद पर तैनात हैं। सूत्रों का कहना है कि अब न वो किसी पत्रकार से मिलना चाहती हैं और न किसी नेता या समाजसेवी से। उन्हें डर है कि कोई उनके दर्द को कुरेद न दे या फिर जिन नेताओं के चलते वो CBI जांच के लपेटे में हैं, उनसे मिलने-जुलने के चक्कर में फिर कोई नई आफत न आ जाए।

कौन हैं बी.चंद्रकला

तेलंगाना के करीमनगर जिले में जन्मीं बी. चंद्रकला यूपी (2008 बैच) कैडर की प्रशासनिक अफसर हैं। उन्होंने सेंट्रल स्कूल से 12वीं पास की है और हैदराबाद के कोटि वुमन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन के लिए किया है। हालांकि लम्बे संघर्ष के गुजरकर बी. चंद्रकला ने आईएएस बनने का ख्वाब पूरा किया है। विवाह के बाद दूरस्थ शिक्षा के जरिए अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएशन करने वाली चंद्रकला के IAS अफसर बनने में उनके पति का रोल काफी अहम है।

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