- तीन दिन पहले जलाई गई 16 वर्षीय युवती
- अभियुक्त की अभी तक नहीं हो सके गिरफ्तारी
विनय सिंह
लखनऊ/अमेठी। यूं तो उत्तर प्रदेश सरकार सूबे में मिशन शक्ति का जोर-शोर से प्रचार कर रही है। सरकार के मंत्री, प्रवक्ता और अधिकारी रोज बेटियों की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। वहीं अमेठी जिले के शुक्ल बाजार थाना क्षेत्र की एक 16 वर्षीय युवती को दशहरे वाले दिन दबंगों ने घर में घुसकर जिंदा जला दिया। लेकिन अमेठी जिले की पुलिस मामले को उजागर करने की बजाय लीपा-पोती में जुटी हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार शिबी (मृतका) और उसके पिता जितेंद्र शुक्ला परिवार समेत शुक्ल बाजार में निवास करते हैं। बकौल पिता, वह घर के बगल में स्थित बैंक में बैठे थे, तभी उनका भतीजा दौड़ता हुआ आया और बताया कि घर के ऊपर छत के कमरे में आग लगी हैं। जब तक मृतका के पिता दौड़कर ऊपर पहुंचे तो वह दंग रह गए। उनकी बेटी को कुछ दबंग आग से जलाकर दीवार फांदकर भाग रहे थे। उनकी बेटी बुरी तरह से झुलस गई थी। हादसे की जानकारी और आग की लपटों को देखकर आसपड़ोस के लोग भी जुटे और सभी मिलकर युवती को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद युवती के पिता ने ग्राम प्रधान सहित फैजान, प्रिंस पाल, जावेद अहमद, राम बहादुर यादव और गुफरान और तीन अज्ञात सहित आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। पुलिस बल मौके पर पहुंची तो तेजी से लेकिन लिखित तहरीर के बाद भी आरोपियों की धरपकड़ में कंजूसी बरत रही है। हालांकि पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिवार के हवाले कर दिया, जिसके बाद परिवार ने कल शव का दाह संस्कार किया। खबर लिखे जाने तक पुलिस दोषियों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई थी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
युवती के पिता से जब ‘नया लुक’ ने बात की तो उनका कहना है कि पुलिस हमारी मदद नहीं कर रही है। वो सवाल करते हैं कि FIR के बाद से अभियुक्तों की गिरफ्तारी क्यों नही हुई हैं? उनका कहना है कि कल अभियुक्तों ने उन्हें भी परिवार सहित जान से मारने की धमकी दी हैं। वहीं एसएचओ बाजार शुकुल कहते हैं कि FIR दर्ज कर ली गई हैं। पुलिस जांच में जुटी हैं। जांच के बाद आरोप सिद्ध होने पर गिरफ्तारी की जाएगी। यदि पीड़ित पक्ष को धमकी मिली हैं तो इसकी जानकारी हमें नहीं हैं। पीड़ित पक्ष हमारे पास आए और सूचित करें, हम कार्रवाई करेंगे। वहीं एसपी अमेठी से कई बार बात करने की कोशिश हुई तो उनके PRO ने बताया कि सर अभी मौके पर पहुंचने वाले हैं। पीड़ित पक्ष की तहरीर पर एफआईआर करके जांच चल रही है। अपराध साबित होने पर गिरफ्तारी होगी। यदि पीड़ित पक्ष को वाकई धमकी मिली हैं तो आकर पुलिस अधीक्षक से शिकायत करें।
इस बाबत जब एडीजी लॉ एंड आर्डर को कॉल तो उनके भी पीआरओ ने फोन उठाया। उन्होंने मामले की जानकारी की ली और कहा कि मैं जिम्मेदार अधिकारियों से बात करता हूं। जब अभियुक्तों की गिरफ्तारी के संबंध में पूछा गया तो सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का हवाला देकर कहा कि हो सकता हैं की छान-बीन चल रही सुबूत के अभाव में गिरफ्तारी न किए हों। सुबूत मिलने के बाद तो गिरफ्तारी होनी ही हैं। वहीं अमेठी के प्रभारी मंत्री गिरीश चंद्र यादव का फोन रिसीव नहीं हुआ और स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबेर ईरानी का नंबर स्विच ऑफ था। उनके दफ्तर सम्पर्क करने की कोशिश हुई लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया।