- आपसी सौहार्द कैसे बहाल हो, एक राष्ट्रीय परिचर्चा
सुभाष पांडेय
बासी/सिद्धार्थनगर। आपसी सौहार्द कैसे बहाल हो यह विषय पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। हम तभी समर्थ होंगे, जब एक होंगे और एक हम तभी होंगे जब हम सभी आपसी सौहार्द को अपना प्रथम नागरिक कर्तव्य मानेंगे। परमार्थ-संधान उपक्रम के सौजन्य से नगर पालिका परिषद बांसी के सभागार में 29 अक्टूबर को आयोजित राष्ट्रीय परिचर्चा में अध्यक्ष पद से सम्बोधित करते हुये पूर्व सांसद डॉ सीएस त्रिपाठी ने उक्त विचार प्रकट किया। सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने शासनतंत्र, मुख्य धारा की मीडिया तथा सोशल मीडिया को जवाबदेह ठहराया। नागरिक मंच की पहल को सराहते हुए उन्होंने अपने संविधान के प्रति नागरिक समुदाय को जागरुक करने की जिम्मेदारी उपस्थित प्रबुद्ध जनों को सौपा।
विषय प्रवर्तन करते हूं परिचर्चा के संयोजक ओपी राय ने कहा कि हमारे पुरखों ने जो संवैधानिक व्यवस्था विरासत में हमें सौंपा था उसके तहत सरकार का संचालन हमारे जिम्मे किया था। जबसे हम लोग सरकार के हवाले हो गये तबसे सामाजिक सौहार्द के लिए खतरे का दौर शुरु होता है। यह वही मुकाम है जहां एक निर्वाचित सरकार जवाबदेही से मुकर जाती है। लोक विमर्श के लगभग सभी संस्थागत मंचों से जब हमारा भरोसा उठ गया तब नागरिक मंच की मार्फत जनहित के मुद्दों पर विचार करना हमारे लिए लाजमी हो गया। अपने वक्तव्य में उन्होंने आगे कहा कि आज हमारी सवैधानिक व्यवस्था खतरे में है इसलिए यह ऐतिहासिक जिम्मेदारी हम सभी नागरिक जनों के कंधे पर आ गयी है कि हम अपने संविधान के पक्ष में लामबन्द हों। अपने संबोधन में प्रबुद्ध समाजसेवी सच्चिदानन्द पाण्डेय ने उपस्थित प्रबुद्धजनों से नागरिक समुदाय को सजग करने के लिए लोक शिक्षण के धर्म निर्वहन करने का अनुरोध किया तथा प्रत्येक नागरिक को भारतीय संविधान की एक प्रति अपने घर में रखने की अपील की।
वरिष्ठ लेखक-पत्रकार यशोदा श्रीवास्तव ने तुलसीकृत राम चरित मानस को सामाजिक सौहार्द का अप्रतिम ग्रन्थ करार देते हुए कहा कि हम अफवाहों की जद में आ गये है तभी सौहार्द बिगड़ने लगा है। हमें मर्यादा का पालन और क्षमाशीलता का सन्देश अपने राम से ग्रहण करना होगा। ह्वाट्सएप यूनिवर्सिटी छोडना ही होगा क्योंकि यही वैमनस्य की पाठशाला है। नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर के पूर्व अध्यक्ष जमील सिद्दीकी ने अपने वक्तव्य में सामुहिक जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए यह चिन्ता व्यक्त किया कि हम अपनी औलादों को आखिर कैसी विरासत सौंपने वाले हैं। राष्ट्रीय इण्टर कालेज बेलहर (संत कबीर नगर) के प्रधानाचार्य संदीप राय ने आपसी सौहार्द को बढ़ाने के लिए संविधान में उल्लिखित नागरिक कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक पालन किये जाने का जोर दिया। परिचर्चा में सेंट थामस इण्टर कालेज डुमरियागंज के शिक्षक राम चन्द्र मौर्य तथा स्थानीय रतन सेन पीजी कालेज के पूर्व छात्र आरिफ मोहम्मद ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन स्थानीय आयशा इण्टर कालेज के प्रबन्धक अब्दुल मोईन ने किया। परिचर्चा में क्षेत्र के अनेक शिक्षण संस्थाओं के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, पत्रकारगण तथा सामाजिक कार्यकर्ता सम्मिलित हुये।