
- सिद्धार्थ संज्जाल एसोशिएशन रूपंदेही के व्यवसाईयों ने नेपाल सरकार के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने का किया आवाहन
- अंतर्राष्ट्रीय उड़ान न होने से बुद्ध सर्किट सूना, भैरहवा के समस्त होटल बीरान
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज । खबर पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट भैरहवा से संबंधित है। गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण चीन के नॉर्थवेस्ट सिविल एविएशन एयरपोर्ट अथार्टी ने किया है। बताया जाता है अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की दृष्टिगत नेपाल सरकार ने भारत सरकार से अपने हवाई क्षेत्र से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों कि अनुमति मांगी थी पर भारत सरकार ने अपने हवाई क्षेत्र से नेपाल के गौतम बुद्ध एयरपोर्ट भैरहवां को अनुमति अभी तक उड़ान की अनुमति नहीं दी है। जिसके बाद गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के आसपास के होटलों सहित तमाम व्यवसायियों की समस्याएं बढ़ गई है।
जिससे पूरी तरह से पर्यटन प्रभावित हो रहा है। बता दें कि सिद्धार्थ संज्जाल एसोशिएशन रूपंदेही के तत्वाधान में बीते सोमवार को भैरहवा स्थित होटल नान्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखा गया था जिसमें रूपन्देही के व्यवसायियों ने गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर घरेलू उड़ान के अलावा अंतर्राष्ट्रीय उड़ान को नियमित रूप से संचालित करने की मांग को लेकर नेपाल सरकार के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने का आवाहन किया गया है। सिद्धार्थ संज्जाल एसोशिएशन रूपंदेही के अध्यक्ष अनिल ज्ञवाली ने कहा कि हमारा आंदोलन आज से ही प्रारंभ है जिसमें अभी तो लिखित रूप से केंद्र सरकार सहित प्रशासन के उच्चाधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को सुचारू रूप से बहाल करने तथा हो रही असुविधाओं पर तत्काल सुधार कराए जाने की मांग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यदि इस समस्या का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो अब से एक माह के बाद हम सभी गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भैरहवां के सामने धरने पर बैठेंगे ।इसके साथ ही भारत नेपाल के सोनौली बॉर्डर स्थित बेलहिया सीमा पर पूर्ण रूप से आवागमन को बाधित करते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि इसी गतिरोध के बाद पिछले दिनों लुंबिनी यात्रा के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जहाज भैरहवा स्थित गौतम बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय एअरपोर्ट पर नहीं उतारा गया था। बुद्ध सर्किट होने के नाते लुंबिनी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं परन्तु अंतर्राष्ट्रीय उड़ान न होने से विदेशी बौद्ध पर्यटक यहां नहीं के बराबर पहुंच रहे हैं। ऐसे में अरबों रुपए लगाने वाले होटल व्यवसाई पूरी तरह से त्रस्त और परेशान हैं।