जयपुर से राजेंद्र गुप्ता
आमतौर पर देखा जाता है कि लोग घर के अंदर की साफ-सफाई या घर के अंदर के वास्तु पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन उनका ध्यान घर की छत पर से हट जाता है। कई लोग तो छत को कबाड़ रखने के लिए काम लाते हैं या इसकी सफाई पर ध्यान नहीं देते। ऐसा करना आपके घर में गंभीर वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है जिसके कारण आपको मानसिक,आर्थिक या शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
छत कहां से हो खुली
यदि आपका एक मंजिल मकान है और आप छत पर भी कुछ निर्माण करवा रहे है तो ध्यान रहे निर्माण दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में करवाना लाभदायक सिद्ध होगा। छत के लिए खुली जगह हमेशा उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व की ओर छोड़नी चाहिए। छत दक्षिण और पश्चिम में नहीं होनी चाहिए।
पानी की टंकी लगाने की दिशा
वास्तु विज्ञान के अनुसार दक्षिण पश्चिम यानी नैऋत्य कोण अन्य दिशा से ऊंचा और भारी होना शुभ फलदायी होता है। छत पर पानी का टैंक इस दिशा में लगाने से अन्य भागों की अपेक्षा यह भाग ऊंचा और भारी हो जाता है। घर की समृद्धि के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में पानी का टैंक लगाना चाहिए। इस दिशा में टंकी रखते समय यह भी ध्यान रखें कि इस दिशा की दीवार टैंक से कुछ ऊंची अवश्य हो इससे आमदनी बढ़ती है एवं परिवार में आपसी संबंध मजबूत होते हैं। अगर इस दिशा में टंकी लगाना संभव नहीं हो तो दक्षिण या पश्चिम दिशा में विकल्प के तौर पर पानी की टंकी रखी जा सकती है।
छत की साफ-सफाई है जरूरी
छत की सफाई को लेकर लोग इसलिए लापरवाह हो जाते हैं कि कौन देखता है पर ऐसा करना वास्तुदोष को उत्पन्न करता है। घर की छत पर किसी भी प्रकार की गंदगी न रखें। यहां किसी भी प्रकार के बांस या लोहे का जंग लगा हुआ सामान या टूटी कुर्सियां इत्यादि फालतू सामान कभी न रखें। जिन लोगों के घरों की छत पर अनुपयोगी सामान रखा होता है, वहां नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय रहती हैं, उस घर में रहने वाले लोगों के विचार नकारात्मक होते हैं एवं परिवार में भी मनमुटाव की स्थितियां बन सकती हैं।
किस तरफ हो पानी का ढलान
अधिकतर जगहों पर सपाट छतों वाले मकान होते हैं, छत पर पानी के लिए ढलान वास्तु अनुसार रखना चाहिए। हमेशा पानी का ढलान दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की तरफ होना चाहिए, इसके विपरीत होने से उत्पन्न वास्तु दोष से परेशानियां पैदा हो सकती हैं।
कैसे हो पेड़-पौधे
घर की छत पर उत्तर-पूर्व एवं पूर्व दिशा में छोटे पौधे जैसे तुलसी,गेंदा,लिली,हरीदूब,पुदीना,हल्दी आदि लगाने चाहिए।उत्तर दिशा में नीले रंग के फूल देने वाले पौधे जीवन में समृद्धि लाने में सहायक सिद्ध होंगे।भारी गमलों में ऊँचे पेड़ों को सदैव छत पर दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाना उचित माना गया है। पश्चिम दिशा में सफ़ेद रंग के फूलों के पौधे जैसे चांदनी, मोगरा, चमेली आदि को लगाने से लाभ एवं प्राप्तियों के अवसर बढ़ जाते हैं,बच्चों में रचनात्मक शक्ति का विकास होता है।कांटेदार एवं बोनसाई पौधों को वास्तु के अनुसार व्यक्ति के विकास में अवरोध माना गया हैं अतः इन्हें लगाने से बचना चाहिए,हाँ गुलाब के पौधों को छत पर लगाया जा सकता है।