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रांची। भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव और झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह की छठ रथ महापर्व के प्रति अगाध आस्था जुड़ी हुई है। पिता के संकल्प व आस्था के कारण वे 1977 से चैत व कार्तिक मास के दोनों छठ महापर्व प्रतिवर्ष करते रहे हैं। कोरोना वायरस भी उनकी आस्था को डिगा नहीं पाया। हालांकि इस बार वह छठ पर्व नहीं कर रहे हैं, लेकिन वह भगवान सूर्य को अर्घ देने छठ घाट जरूर जायेंगे।
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डॉ सिंह कहते हैं : जब वे IAS परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, तो पिता सुखदेव सिंह ने संकल्प लिया था कि उनका पुत्र IAS कर जायेगा, तो छठ पर्व करेगा। हालांकि उनके एन एफ IAS परीक्षा पास होने से पहले ही 1974 में पिता की मृत्यु हो गयी। डॉ सिंह ने 1977 में IAS की परीक्षा पास की। तब मां ने उन्हें पिताजी के संकल्प के बारे में बताया। इसके बाद 1977 से उन्होंने छठ पर्व करना शुरू किया। जब वह अमेरिका में अध्ययन कर रहे थे, तब छठ नहीं कर पाये थे।
इंग्लैंड में भी छठ मना रहे भारतवंशी
इंग्लैंड में रह रहे भारतीयों ने भी नहाय खाय के साथ महापर्व छठ का अनुष्ठान शुरू किया। इंग्लैंड के वेलिंगबोरो शहर में कांके रोड निवासी अजय कुमार व उनकी पत्नी विनिता नंद के साथ उनकी बेटी और दामाद इस महापर्व में शामिल हैं। कुमार ने बताया कि लंदन व मिडलैंड के निकट सामूहिक छठ पर्व की तैयारी की गयी है। इसमें लगभग छह सौ व्रती खरना के बाद शाम के अर्घ में शामिल हो रहे हैं। 57 स्वयंसेवक अगस्त माह से ही तैयारी में लगे हैं। कुमार ने बताया कि इस पूजा में शामिल होने के लिए 1200 लोगों ने अब तक रजिस्ट्रेशन कराया है।