- हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड द्वारा लगाए गए हाईटेंशन तार की चपेट में आने से हुआ हादसा,
रंजन कुमार सिंह
मुसाबनी/रांची। झारखण्ड के पूर्वी सिंहभूम स्थित मुसाबनी वन क्षेत्र के बेनाशोल उपरबांधा पोटास जंगल में 33 हजार वोल्ट की चपेट में आने से पांच हाथियों की तड़प कर दर्दनाक मौत हो गई। बताया जाता है कि हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के माइंस के लिए हाईटेंशन तार की चपेट में आने से यह हादसा हुआ। सोमवार रात से ही करीब 12 हाथियों के झुंड जंगल में घूम रहे थे, जहां पांच हाथियों की करंट लगने से मौत हो गई है। मरने वाले हाथियों में हाथी के तीन बच्चे व दो व्यस्क हाथी शामिल हैं। घटना ऊपरबांधा जंगल के नजदीक हुई है। हाथियों की मौत की सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने इसकी जानकारी मुसाबनी वन विभाग को दी है। वन विभाग के रेंजर दिग्विजय सिंह, एचसीएल आईसीसी के अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुँचे।
वहीं, हाथियों के झुंड से बिछड़े कई हाथी क्षेत्र में भ्रमण कर रहे है, इन पर भी करेंट का खतरा मंडरा रहा है और जिससे ग्रामीण भी दहशत में हैं। बीते कई दिनों से हाथियों का झुंड फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत और टेरेंगा पंचायत में भ्रमण कर रहा था। दर्जनों किसानों के खेत मे लगे धान की फसल को हाथियों ने पहले खाया फिर रौंद कर बर्बाद भी कर दिया था। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने वन विभाग से की थी। यह घटना सोमवार की देर शाम की बात बताई जाती है। 33 हजार केवी बिजली के तार की चपेट में आने से पांच हाथियों की मौत हुई। घटना की प्राप्त सूचना को वन विभाग और विद्युत विभाग कई घंटे तक दबाए रखा, पंरतु मंगलवार को लगभग 12 बजे ग्रामीणों ने हाथियों के झुंड को भगाने के दौरान हाथियों के शव को जंगल में पड़ा हुआ देखा तो हंगामा हुआ और बात उजागर हुई।
ग्रामीणों के अनुसार सोमवार रात आठ बजे से मंगलवार सुबह सात बजे तक सुरदा फीडर और अमाई नगर फीडर का विद्युत लाईन विभाग द्वारा हाथियों के झुंड के विचरण करने की सूचना पर काट कर रखा गया था। मुसाबनी प्रखंड के राखा फारेस्ट रेंज में फारेस्ट ब्लॉक पंचायत के जंगल में विगत 10 दिनों से लगभग 10 की संख्या में हाथियों का झुंड बंगाल की सीमा से इस क्षेत्र में घुसा था। मालूम हो कि इसी माह नवंबर को पहले सप्ताह में चाकुलिया में भी करंट लगने से दो हाथियों की मौत हो गई थी।