
- संविधान दिवस पर आंबेडकर मित्र बनाने की घोषणा
- भारत को विकास पथ पर ले जाने का किया आह्वान
आज़मगढ़। पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा में चेयर प्रोफेसर राष्ट्रपति जी के पूर्व विशेष कार्य अधिकारी प्रो. कन्हैया त्रिपाठी ने कहा कि संविधान हमारे देश का रखवाला है। संविधान में व्यक्ति को गरिमा, स्वतंत्रता, न्याय एवं विकास देने की पूर्ण शक्ति है। उन्होंने संविधान दिवस पर डॉ. आंबेडकर के विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
संविधान दिवस पर डॉ. आंबेडकर की इस संविधान के लिए दिए गए अवदान व श्रम को स्मरण करते हुए प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर जिस प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे वह समिति अथक परिश्रम से देश में कानून का राज कैसे सबके लिए उपयोगी हो सकेगा, इस पर उस समिति ने मंथन की तब हम आज़ इतने सारे सुख को प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने इसमें अपनी समस्त ऊर्जा लगायी। आज़ जो वंचित वर्ग के लोग, महिलाएं, हाशिये के समाज के लोग भी मुख्यधारा में सम्मिलित हो पा रहे हैं, उसके पीछे संविधान में प्रदत्त शक्तियां हैं। यदि मौलिक अधिकार व अन्य अधिकारों की स्पष्ट संस्तुतियां न होतीं तो देश में आज़ जिस प्रगति पर हम पहुंचे हैं, वहां तक न पहुंचते बल्कि हो सकता है इस देश में अराजकता का एकाधिकार होता।
संविधान हमारे लिए वरदान सदृश है ऐसी व्याख्या के साथ आंबेडकर चेयर के शेयर प्रोफेसर डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि आज़ संविधान के अनुरूप हमें आचरण भी करने की आवश्यकता है। हमें अभी भी मीलों चलना है और बाबासाहेब ने जिस समतामूलक समाज की कल्पना की थी, उसे हासिल करके बराबरी वाला समाज स्थापित करना है। डॉ. त्रिपाठी ने उक्त वक्तव्य एक प्रेस विज्ञप्ति में अभिव्यक्त की और कहा कि बतौर चेयर प्रोफेसर वह भारत में आंबेडकर मित्रों का एक समूह बनाएंगे और उनके साथ सामूहिक प्रयास कर भारत को विकास के पथ पर आगे ले जाएंगे। उन्होंने बताया कि आंबेडकर मित्र बनाने की योजना उन्होंने पंजाब में शुरू कर दी है। इसमें विश्वविद्यालय, कॉलेज, निकायों और गांव के वे सेवाभावी लोग सम्मिलित किए जा रहे हैं जो देश में बदलाव चाहते हैं। उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार से पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा में स्थापित यह उनका अभिनव प्रयास कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के संरक्षत्व में कार्य कर रही डॉ. आंबेडकर मानवाधिकार एवं पर्यावरणीय मूल्य पीठ के माध्यम से किया जा रहा है।