- भारत-नेपाल सीमा पर आखिर क्यों पगडंडियों के रास्ते बेखौफ घूम रहे हैं चीनी नागरिक?
- बीते 14 नवंबर को बंगाल के पानी टंकी से तीन चीनी नागरिक घुसपैठ करते हुए थे गिरफ्तार
- चीनी नागरिकों को खनुआ बार्डर पर पहुंचाने वाला कोन ?
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज । नेपाल से सटे भारत के सोनौली कोतवाली क्षेत्र के खनुआ बार्डर पर भटक कर आए चीनी नागरिकों को पूछताछ के बाद एसएसबी जवानों ने नेपाल वापस भेज दिया। आखिर क्यों पगडंडियों के रास्ते बेखौफ होकर घूम रहे हैं चीनी नागरिक? सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि वह खनुआ बार्डर पर भटक कर आए थे। यह बात किसी को पच नहीं रही है। वैसे तो चीन को एक महाशक्ति के रूप में देखा जाता है उसके बावजूद उसके नागरिकों का भारत-नेपाल सीमा पर भटक कर आ जाना पूरी तरह हास्यास्पद लगता है। जबकि चीनी नागरिक भारतीय सीमा में घुसपैठ कर चुके थे। एसएसबी के जवानों ने उन्हें रोक लिया था। इतना ही नहीं उनके पासपोर्ट और वीजा की भी जांच की गई थी जो पूरी तरह दुरूस्त था। बाद में उन्हें वापस लौटा दिया गया।
बता दें कि भारत-नेपाल सीमा पर बीते सोमवार की सुबह दो वाहनों से पहुंचे कुछ चीनी नागरिक पगडंडी रास्तों के जरिये भारत की सीमा में दाखिल होने की कोशिश करने लगे। मौके पर मौजूद एसएसबी जवानों ने पूछताछ के बाद उन्हें नो मेंस लैंड से ही वापस कर दिया। भारतीय सीमा के खनुआ गांव तक बीते सोमवार को सुबह नौ बजे दो वाहनों से चीन के रहने वाले चार पुरुष एक महिला चीनी नागरिकों के पहुंचते ही एसएसबी जवानों की हलचल बढ़ गई। सीमा की सुरक्षा में तैनात जवानों ने उनसे पूछताछ की। इसमें उन्होंने बताया कि वे भैरहवा और सोनौली बॉर्डर घूमने आए थे।
रास्ता भटककर खनुआ सीमा पर पहुंच गए थे चीनी नागरिक
सीमा पर तैनात हरदी डाली बीओपी के निरीक्षक अंकुर बडोनी ने सभी चीनी नागरिकों के टूरिस्ट कागजात, पासपोर्ट और वीजा की जांच की। पाया गया कि सभी चीनी नागरिक टूरिस्ट वीजा पर नेपाल घूमने आए हैं। एसएसबी 66 वीं वाहिनी के कमांडेंट वरुण कुमार ने बताया था कि विदेशी नागरिक नेपाल होते हुए सीमा पर पहुंचे थे। पूछताछ के बाद उन्हें नेपाल वापस कर दिया गया। बताते चलें कि अभी दो पांच दिन पहले सोनौली बार्डर पर पुलिस और इमीग्रेशन के अधिकारियों ने फर्जी वीजा के आरोप में दो ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। खनुआ बार्डर पर चीनी नागरिकों का केवल घूमने के मकसद से आना कहीं सीमा की रैकी करना तो नहीं है। यह एक बड़ा प्रश्न है?
बता दें कि भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों विदेशी नागरिकों की घुसपैठ बढ़ रही है। बीते 14 नवंबर को किशनगंज से सटे बंगाल स्थित पानी टंकी से तीन चीनी नागरिकों को एसएसबी की 41 बटालियन द्वारा पकड़ा गया था उनका भी यही कहना था कि तीनों चीनी नागरिक यहां रास्ता भटककर आये थे। बता दें कि दुनिया को भटकाने वाला चीन आखिर भारतीय सीमा पर आकर क्यों भटक जा रहे हैं उसके नागरिक यह समझ से परे है।