चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया-करिये पुनर्विचार

बलराम कुमार मणि त्रिपाठी
बलराम कुमार मणि त्रिपाठी

चार राज्य मे चुन लिए जनता ने सरकार।
अन्य सभी धूमिल हुए फिर मोदी इस बार।।
निज निज पार्टी लोग सब करिये पुनर्विचार।
किन किन मुद्दों पर भला वोट पड़ी इस बार।‌।1।‌

2024 का होगया इस चुनाव मे ट्रेल।
भाजपा के पक्ष में होगी रेलम रेल।।
झूठ कहे या सच कहे कोई हो सरकार।
धर्म प्राण जनता करे वोटों की बौछार।।2।।

राम लला की आंधियां चलेंगी अबकी बार।
फिर से होगी केंद्र मे बीजेपी सरकार।।
बेरोजगारी बढ़े या मिले न सस्ते दाम।
धर्म रहे‌ इस देश में नहीं और कुछ काम।।3।।

जो मर्जी वो कीजिए बने नये कानून।
जनता बहरी होचुकी गूंगी नेत्र विहीन।।
मुश्किल से दिन काट कर जपेंगे तेरा नाम।
होंगे धर्म विरुद्ध जो, समझो काम तमाम।।4।।

हे प्रभु इतना कीजिए हिलमिल रहे समाज।
नेता भी खुशहाल हो जनता भी खुशहाल।।
पूंजी पति धनवान हो जनता भले दरिद्र।
भ्रष्टाचार समाप्त हो मानवता हो मित्र।।5।।

डिजिटल हुआ समाज ये खायगा नेटवर्क।
मोबाईल हो हाथ मे मिले न कोई वर्क।।
बातो से ही पेटभर जनता है खुशहाल।
नेता जी कुछ भी करें ताली बजे हजार।।6।।

कुछ भी कहना है गलत हुई जीत या हार।
जैसी छवि जिसकी बनी पड़े वोट इस बार।।
वाणी पर संयम करें न हो धर्म पर वार।
जनता हो खुशहाल तो मिले सभी का प्यार।।7।।

Litreture

पुस्तक समीक्षाः शब्दों की आत्मा तक पहुँचती एक विलक्षण कृति — ‘शब्द-संधान’

मुकेश कुमार शर्मा भाषा केवल विचारों की अभिव्यक्ति का साधन नहीं, बल्कि संवेदना, संस्कृति और समय की सजीव चेतना भी है। इसी चेतना को स्पर्श करती है हिंदी के चर्चित लेखक, भाषाविद् और व्युत्पत्तिशास्त्री कमलेश कमल की नवीनतम और चर्चित कृति ‘शब्द-संधान’, जो प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित हुई है। यह पुस्तक शब्दों के उद्गम, उनकी […]

Read More
Litreture

विश्व हिंदी दिवस पर, प्रणव गुंजार है हिंदी

हिंसा से जिसको दुख होता वह है हिंदुस्थान हमारा। और अहिंसा मे जो जीता ऐसा हिंदू नाम हमारा।। प्रेम भाव से विश्व बनाया वह सच्चिदानंद जग पावन। यहां बाल क्रीड़ा करते हैं बारंबार जन्म ले उन्मन।। कभी राम बन कर आता हैं, कभी कृष्ण बन खेल रचाता। गौएं चरा बजाता वंशी । हलधर हो बलराम […]

Read More
Litreture

यदि आप साहित्य प्रेमी है तो यह आपके लिए भी जानना है बहुत जरूरी

लोरी के रूप में मां के मुंह से उपजा बाल साहित्य साहित्य अकादेमी दिल्ली का आयोजन अब नजरंदाज हो रहा है बाल साहित्य नया लुक संवाददाता लखनऊ। साहित्य अकादेमी दिल्ली के दो दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन हिंदी संस्थान के निराला सभागार में चले बाल साहिती के सत्रों में संगोष्ठी, काव्य समारोह के संग पुरस्कृत […]

Read More