डॉ दिलीप अग्निहोत्री
राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल के दीक्षांत संदेश विद्यार्थियों को नई प्रेरणा देने वाले होते हैं। इसमें भारत की गौरवशाली विरासत पर गर्व करने का विचार समाहित होता है। ज्ञान और अनुसन्धान के आधार पर ही भारत विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित था। नई शिक्षा नीति के माध्यम से भारत को फिर विश्वगुरु बनाना सम्भव होगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल का संबोधन ऐसी ही प्रेरणा देने वाला था। उन्होंने कहा कि वैदिक काल से ही हमारे अनुसंधान अत्यंत समृद्ध थे। अनेक ऋषि-मुनियों चर्चा करते उन्होंने कहा कि महर्षि भारद्वाज द्वारा विमान प्रौद्योगिकी पर किए गए शोध ने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि राइट ब्रदर्स के द्वारा विमान के आविष्कार से आठ वर्ष पहले ही भारत में बम्बई की चौपाटी पर अठारह सौ फुट की ऊँचाईं पर विमान का परीक्षण किया गया था। भारत में एक ही साथ जल, थल एवं नभ पर उड़ान भर सकने वाले विमान का निर्माण प्राचीन काल में ही किया जा चुका था, इसका वर्णन प्राचीन साहित्यों में मिलता है। हमें इस बात का गौरव होना चाहिए। आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ का 66वां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। समारोह से पूर्व राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में सौ फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में संविधान स्थल का लोकार्पण किया और आज डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं मिलकर आगे बढ़े यह प्रयास होना चाहिए। जब महिलाएं समृद्ध होती हैं तो दुनिया समृद्ध होती है और उनका आर्थिक सशक्तिकरण विकास को बढ़ावा देता है। लखनऊ विश्वविद्यालय को UGC द्वारा एकेडमिक ऑटोनमी में ग्रेड-1 का दर्जा दिए जाने उन्होंने बधाई दी। NIRF में भी 200वीं रैंक मिलना सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से भारत में उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण पर जोर दिया जा रहा है। ताकि भारत विदेशी छात्रों के लिए पुनः आकर्षण का केंद्र बन सके। सशक्त युवा शक्ति से देश का विकास होता है। उन्होंने कहा कि भारत आज स्पेस, स्टार्टअप, ड्रोन, एनीमेशन, इलेक्ट्रिक व्हीकल, सेमीकंडक्टर जैसे कई सेक्टर में युवाओं के लिए नए अवसर तैयार कर रहा है। राज्यपाल ने कहा कि नेतृत्व करने हेतु सामाजिक बुराइयों के रूप में दहेज प्रथा, बाल विवाह व समाज की अन्य बुराइयों को दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच रखें व सामाजिक कार्यों से जुड़ें। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री और विशिष्ट अतिथि रजनी तिवारी ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देते हुए कहा कि उपाधि व पदक प्राप्त करने के बाद विद्यार्थियों की परिवार, समाज व देश के प्रति जिम्मेदारियां और अपेक्षाएं बहुत बढ़ जाती हैं।
उन्होंने कहा कि डिग्री की सार्थकता तभी है, जब वह समाज के कमजोर वर्ग का उत्थान तथा देश विकास में सहयोग दे सके। उन्होंने विद्यार्थियों को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ाने को प्रेरित किया। समारोह में कुलपति प्रो आलोक राय ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग कर रहे भिक्षा से शिक्षा की ओर जुड़े उम्मीद संस्था के 30 बच्चों को स्कूल बैग, पठन-पाठन सामग्री तथा पोषण सामग्री प्रदान की। कार्यक्रम में राज्यपाल ने 20 आंगनबाड़ी केन्द्रों सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट प्रदान की। ज्ञातव्य है कि प्रदेश स्तर पर राज्यपाल द्वारा अब तक आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु 7580 किट प्रदान की जा चुकी हैं।