- विदेशों से आयातित आलू-प्याज पर वैट यथावत रहेगा, काठमांडू में हड़ताल समाप्त
- पहले नेपाल उत्पादित आलू-प्याज पर भी लग रहा था वैट
- बीते एक सप्ताह से 13 % वैट हटाने को लेकर काठमांडू में व्यवसाई और किसान हुए लामबंद
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू। नेपाल की राजधानी काठमांडू के व्यापारियों बीते एक सप्ताह से भारत से आलू-प्याज का आयात बंद कर दिया था। नेपाल के व्यापारियों ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 29 मई के आम बजट में आलू और प्याज पर 13 प्रतिशत का वैट यानी वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) लगा दिया था। लेकिन कई बार वैट हटाने को लेकर सरकार से वार्ता हुई पर सरकार ने एक नहीं सुनी। इसके बाद उन्होंने एक दिसंबर 2023 से इसका आयात बंद कर दिया था। लेकिन आज सरकार ने आलू-प्याज के घरेलू उत्पाद से वैट हटा लिया है। वैट हटते ही काठमांडू में पिछले एक सप्ताह से चला आ रहा हड़ताल समाप्त हो गया है। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने विदेशों से आयात होने वाले आलू-प्याज से वैट नहीं हटाया है।
बता दें कि बीते 29 मई को संसद में पेश किए गए वित्त विधेयक के अनुसार, भारत से आयातित आलू-प्याज और अन्य सब्जियों और फलों पर 13 प्रतिशत वैट लगा दिया गया था। वित्त मंत्री प्रकाश शरण महत ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा था कि इसका उद्देश्य स्थानीय किसानों की रक्षा करना और आयात में कटौती करना है। बता दें कि नेपाल अपने जरूरत का लगभग सारा का सारा आलू-प्याज पड़ोसी देश भारत से आयात करता है। बजट के दौरान विपक्षी सांसदों ने नेपाल सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए तर्क दिया था कि यह कम आय वाले परिवारों को खाद्य असुरक्षा के प्रति संवेदनशील बना देगा।
काठमांडू में पिछले सात दिनों से हड़ताल को लेकर लगभग दो दर्जन शब्जी मंडी में आलू और प्याज का आवक नहीं हुआ था। काठमांडू में स्वतंत्र उपत्यका आलू प्याज व्यवसाई संघ और किसान संघ ने संयुक्त रूप से इस अनिश्चित कालीन हड़ताल का आह्वान किया था । हड़ताल को लेकर व्यवसाई संघ के अध्यक्ष उज्ज्वल कार्की ने कहा है कि जब तक सरकार 13% वैट नहीं हटाएगी हड़ताल जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नेपाल में पूरी तरह से आर्थिक मंदी है ऊपर से सरकार ने 13% वैट बढ़ाकर जहां एक तरफ आम जनता को मंहगाई के मुंह में झोंक दिया है वहीं दूसरी तरफ किसानों और व्यापारियों के हाथों में कटोरा पकड़ा दिया है।
काठमांडू की जो शब्जी मंडी बंद थी उसमें कालीमाटी,नक्साल,टेउड़ा बाजार,टुच्चा, धार्वे,भतका पाटी, बनेपा, भक्तपुर, जगाते, सल्लाधारी, सूर्य विनायक,बल्खू,बाला जू,धुंबराई,चावेल बाजार, गणेश स्थान, गौशाला,बौदा, नारायण टार,तिनकुनके, जड़ी-बूटी, गड्ढा धर बाजार,ग्वाखो,लगन खेल, पेप्सी कोला और सुंदरी चौक प्रमुख हैं। हड़ताली व्यापारियों में राम नारायण कलवार, बसंत श्रेष्ठ, दीपेंद्र श्रेष्ठ, सुंदर कलवार, सुरेन्द्र और प्रकाश गजुरेल के अलावा बड़ी संख्या में व्यापारी और किसान प्रमुख रूप से शरीक रहे।