
- शमसुल होदा और उसके एक साथी को दिया दोषी करार,शीघ्र सुनाई जाएगी सजा
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू। नेपाल की जेल में बन्द ISI एजेंट शमसुल होदा व उसके एक साथी को काठमांडू की विशेष अदालत ने आतंकी गतिविधियों की फंडिंग के मामले में दोषी करार दिया है। नेपाल मूल का यह ISI एजेंट भारत में की जाने वाली आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग करता था। भारत के कानपुर में हुए ट्रेन ब्लास्ट सहित कई आतंकी घटनाओं में फंडिंग करने के आरोप में दोषी करार दिए गए शमसुल होदा को शीघ्र ही सजा सुनाई जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल की राजधानी काठमांडू की विशेष अदालत के प्रवक्ता धन बहादुर कार्की ने बताया कि दोनों आतंकियों की पहचान शमसुल होदा और बृज किशोर गिरि के तौर पर हुई है। नेपाल में इन दोनों के खिलाफ मनीलांड्रिंग डिपार्टमेंट ने केस दर्ज किया था जिस पर नेपाल की स्पेशल कोर्ट में जस्टिस टेकनरायण कुंवर, मुरारी बाबू श्रेष्ठ और रितेन्द्र बाबू थापा की संयुक्त पीठ ने अपना फैसला सुनाया है। घटना की बाकी जानकारी और कोर्ट का फैसला अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।कोर्ट से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट दोनों दोषियों को अगली सुनवाई में सजा सुनाएगा।
बता दें कि 2016 में कानपुर के पास पटना इंदौर एक्सप्रेस में हुए विस्फोट सहित उस दौरान हुए कई अन्य आतंकी गतिविधियों में दुबई से नेपाल के रास्ते फंडिंग करने वाले ISI एजेंट शमसुल होदा और उसके एक सहयोगी गिरी बाबा उर्फ बृज किशोर गिरि को काठमांडू की पांच जजों के फुल बेंच ने दोषी करार दिया है। इन दोनों को दी जाने वाली सजा पर अलग से सुनवाई की जाएगी। विशेष अदालत के प्रमुख न्यायाधीश टेक बहादुर कुंवर ने इन आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान बाद में किए जाने की जानकारी दी। सरकारी वकील ने इन दोनों को नेपाल के प्रचलित कानून के मुताबिक अधिकतम सजा यानि 20 सालों की सजा देने की मांग की है। शमसुल होदा पर अपने ही दो साथियों की हत्या करने के आरोप में अलग से मुकदमा चल रहा है। दुबई से भेजे गए पैसे लेने के बाद भी दो भारतीय नागरिक दीपक राम और अरूण राम ने रेलवे ट्रैक उडाने से इंकार कर दिया था। इसलिए होदा ने बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के आदापुर पोखरिया निवासी इन दोनों को नेपाल के अपने गांव के पास बुलाकर उनकी हत्या करा दी थी। दरअसल इसी हत्याकांड के बाद पुलिस को इस पूरे मामले में शमसुल होदा के टेरर फंडिंग का पता लग पाया था।
विशेष अदालत में शमसुल होदा के खिलाफ दायर चार्जशीट में कहा गया है कि नेपाल के बारा जिला निवासी शमसुल होदा दुबई में पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद शफीक के संपर्क में आया। होदा से पूछताछ और उसके पास से मिले साक्ष्य के आधार पर शफीक को आरोप पत्र में ISI का अधिकारी बताया गया है, जो शमसुल होदा का हैंडलर था। चार्जशीट के मुताबिक मोहम्मद शफीक द्वारा पाकिस्तान से भेजे गए पैसे को शमसुल होदा नेपाल में हिमाल रेमिटटैंस के जरिए अपने जिले के कुछ लोगों को भेजता था। उसके बैंक अकाउंट और उससे जुडे लोगों के अकाउंट खंगालने के बाद संपत्ति शुद्धिकरण विभाग ने आरोप पत्र में वह सभी प्रमाण दिए जिससे यह साबित होता है कि शमसुल होदा द्वारा दुबई से भेजे गए पैसे भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए भेजा जाता था।
पिछले 6 साल से उसके खिलाफ विशेष अदालत में मुकदमा चलाया जा रहा था। शमसुल होदा और गिरी बाबा के अलावा इनके साथ काम करने के आरोप में करीब आधे दर्जन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के कारण बाद में रिहा कर दिया गया। दरअसल नेपाल के बारा जिला निवासी शमसुल होदा कई सालों से दुबई में ही रहता था और वहीं से ISI के इशारे पर भारत में आतंकी घटनाओं के लिए फंडिंग किया करता था। नेपाल के संपत्ति शुद्धिकरण विभाग ने शमसुल होदा पर आय से अधिक संपत्ति रखने और विदेशों से अवैध तरीके से पैसा लाकर नेपाल के रास्ते आतंकी घटनाओं के लिए फंडिंग किए जाने को लेकर मुकदमा दर्ज किया था।
विशेष अदालत ने इसी मामले में शमसुल होदा को दोषी करार दिया है। बताया जा रहा है कि शमसुल होदा को दुबई से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद से गिरफ्तार कर नेपाल लाया गया था। कानपुर में पटना इंदौर एक्सप्रेस में ब्लास्ट के अलावा बिहार के घोडासहन में रेलवे ट्रैक उडाने की साजिश में शामिल था। 2014 में पटना के गांधी मैदान में भाजपा की रैली में हुए सीरियल ब्लास्ट में भी इसने फंड देने में भूमिका बताई गई थी।