काश! वृंदावन रोडवेज बस स्टेशन का संचालन शुरू हो गया होता तो शहर को जाम समस्या से मिल जाता निजात

  • भाजपा समर्थित बसपा सरकार का सपना आज तक ठंढे बस्ते मे,

विजय श्रीवास्तव

लखनऊ । करीब डेढ़ दशक पहले रायबरेली रोड पर विंद्रावन कालोनी के पीछे बना रोडवेज बस अड्डा यदि शुरू कर दिया गया होता तो कम से कम इस मार्ग पर हर रोज लगने वाली जाम की समस्या से कुछ हद तक निजात मिल सकता था। इसी मार्ग पर पीजीआई सहित कई बड़े नर्सिंग होम है,हर रोज सैकड़ों की संख्या मरीजों को लाया जाता है। जाम में फंसे एंबुलेंस के सायरन लगातार गूंजते रहते हैं। जाम में फंसे कर मरीजों के साथ अनहोनी का खतरा सदैव बना रहता है। इस बस अड्डे पर रायबरेली, सुल्तान पुर, प्रयागराज आदि रूट की बसों का संचालन व ठहराव की व्यवस्था से सड़कों पर बेवजह बार को कम किया जा सकता है जैसा कि लखनऊ गोरखपुर मार्ग पर उच्च न्यायालय के समीप अवध डिपो की स्थापना कर किया गया है।

बता दें कि भाजपा के समर्थन से बसपा सरकार की मुखिया रहीं सुश्री मायावती ने पूर्वांचल के जिलों से आने जाने वाली बसों के लखनऊ शहर के अंदर बिना प्रवेश किये बाहरी रूट तय किया था। इसके लिए शहीद पथ से होकर वृंदावन कालोनी के निकट नवीनतम बस स्टैंड का निर्माण कराया गया था। मायावती के शासन काल में लगभग सौ एकड मे बनाये गये रोडबेज बस स्टेशन का डिजाइन बिल्कुल नया था। यहां से संचालित बसों का रूट शहर के बाहर से निर्धारित किया गया था। आगरा, मथुरा, हाथरस इटावा, नोएडा, दिल्ली आदि शहरों के लिए बसों का संचालन यहीं से होना था। बसों से आवागमन सुविधा को आसान बनाने की यह बसपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना थी। यहां सबकुछ बन कर तैयार था,बस उद्घाटन बाकी था,इसी बीच 2012 में बसपा की सरकार चली गई और इस बस अड्डे की उपेक्षा शुरू हो गई।

उक्त जन-उपयोगी योजना की मौजूदा स्थिति ये है कि आधी जमीन बाउन्डी् बनाकर किसी दूसरे को दे दी गयी है या किसी दबंग विभाग य व्यक्ति ने लावारिस पाकर पार्टीशन करवा लिया है। और आधे बचे भाग के एक हिस्से मे दुबग्गा बस डीपो इंचार्ज अनिल तिवारी द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक बसों का चार्जिंग सेंटर बना दिया गया है। हां उक्त योजना भले ही न आगे बढाई गई पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के शहर से बाहर शहीद पथ निर्माण जैसा भाजपा की 2014 केन्द्र मे मोदी सरकार बनने व 2017 मे योगी जी की सरकार बनने के बाद डबल इंजन सरकार ने लखनऊ के चारो तरफ एक किसान पथ रिंग रोड़ का निर्माण किया जा रहा है जो बाहर से आने वाली गाड़ियों को लखनऊ शहर के बाहर से ही उन्हें उनके मंजिल तक पहुंचा देगी।

बताते चलें ये बात उस समय की है जब स्टेट गेस्ट हाउस कांड के बाद  मुलायम सिंह से अलग हो भाजपा के सलाह व समर्थन से बसपा ने सरकार बनाई थी पूरे प्रदेश मे कुछ नया करने का जज्बा लिए सुश्री मायावती अपनी पहचान बना रही थी अम्बेडकर नगर व ऊधम सिंह नगर दो नये जनपदों का निर्माण किया जा रहा था श्रावस्ती व संतकबीरनगर नये जनपदों का खाका खींचा जा रहा था एअर पोर्टो पर ही DM SP सस्पेंड किये जा रहे थे। विकास कर इतिहास मे नाम दर्ज कराने के लिए योजनाएं बनाई जा रही थी, पर राजनीति के पंडितों के अनुसार कहना गलत न होगा उनकी अति महत्वाकांक्षी सोच व किसी के उपर विश्वास न करना ही उन्हें अपनो से दूर करता चला गया जो आज तक एकला चलो की राह पकडे हुए हैं। ऐ अलग बात है लखनऊ शहर का सुंदरीकरण उनकी विकास परख दर्जनों योजनाएं आज भी लोगों के जुबान पर हैं।

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