नई दिल्ली। लोकसभा में आज सत्तापक्ष की ओर से कांग्रेस के झारखंड के एक पूर्व सांसद के ठिकानों पर छापों में 300 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित धनराशि बरामद होने का मामला उठाया गया है और कांग्रेस से पूछा गया कि आखिर ये धन में कांग्रेस के नेता का है। लोकसभा में शून्यकाल में भारतीय जनता पार्टी के संजय सेठ ने यह मामला उठाया। सेठ ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस के पूर्व सांसद के गत वर्ष 12 अगस्त को किये गये एक ट्वीट को साझा किया जिसमें कहा गया, कि नोटबंदी के बाद भी देश में इतना काला धन और भ्रष्टाचार को देखकर मन व्यथित हो जाता है।
मेरी तो समझ में नहीं आता कि कहां से लोग इतना काला धन जमा कर लेते हैं। अगर इस देश से भ्रष्टाचार कोई जड़ से खत्म कर सकता है, तो वह सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही है। सेठ ने कहा कि ये 500 करोड़ रुपए कहां से आया है, कांग्रेस पार्टी इसका जवाब दे। उन्होंने कहा कि झारखंड एक खनिज संपन्न राज्य है लेकिन यहां भ्रष्टाचार की खदानें खुली हुईं हैं। अभी तक 176 बैगों में से 140 बैग खुलने बाकी हैं, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी राशि होगी।
पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि पूर्व सांसद का नाम नहीं लिया जाए। उन्होंने रिकॉर्ड में पूर्व सांसद का नाम दर्ज नहीं करने के निर्देश दिये। सेठ के इस बयान पर कांग्रेस के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो कर शोर करने लगे। इसके जवाब में भाजपा के सदस्य भी खड़े हो गये और वे अखबार की प्रतियां दिखाने लगे जिनमें झारखंड के पूर्व सांसद पर छापे एवं नकदी की बरामदगी के समाचार छपे थे। पीठासीन अधिकारी अग्रवाल ने उनसे अखबारों की प्रतियां नहीं दिखाने की अपील की। थोड़ी देर के शोरशराबे के बाद मामला शांत हुआ। (वार्ता)