
- भारत-नेपाल के संबंधों को मजबूती प्रदान करने में सैनिक परिवारों की महत्वपूर्ण भूमिका : संतोष पांडे
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज। आज भारतीय सीमा से सटे नेपाल के बेलहिया कस्बे में गोर्खा भूतपूर्व सैनिक कल्याणकारी संस्था का 19 वां स्थापना दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक और विभिन्न संघ-संगठनों के लोग और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। स्थापना दिवस के मुख्य अतिथि लुंबिनी प्रदेश के गृह मंत्री संतोष पांडे ने कहा कि आज गोर्खा भूतपूर्व सैनिकों के बीच आकर मुझे बहुत खुशी हुई। मैं आप सभी को हृदय से धन्यवाद और आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि गोर्खा भूतपूर्व सैनिक कल्याणकारी संस्था का गठन इसलिए हुआ था कि इनकी जो भी समस्या आए उसका तत्काल समाधान हो। इनकी बेहतरी के लिए हमारी सरकार जो भी बन पड़ेगा वह करेगी।
उन्होंने कहा की गोर्खा सैनिकों को भारत और नेपाल के संबंधों के लिए बहुत मजबूत कड़ी के रूप देखा जाता है और इस पर ये लोग खरा उतरे हैं। भारत और नेपाल के संबंधों को जोड़ने में सैनिक परिवारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है जिसे कभी भी नाकारा नहीं जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें बताया गया है कि नौतनवां कस्बे में गोर्खा भूतपूर्व सैनिकों के लिए जमीन है जिसे गारद कहा जाता है वहां कैंटीन का संचालन और एंबुलेंस की जो मांग की गई है उसके लिए भारत और नेपाल की सरकार तक यह बात पहुंचाई जाएगी। मुझे लगता है कि इस समस्या का समाधान भी शीघ्र हो जाएगा।
इस अवसर पर भैरहवा भंसार एजेंट संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ शांत कुमार शर्मा ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए ही गोर्खा भूतपूर्व सैनिक कल्याणकारी संस्था का गठन आज से 19 साल पहले हुआ है। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों को भारत के बैंकों खाता खोलना, आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाना यह एक बड़ी समस्या है क्योंकि इनका पेंशन बैंक के माध्यम से ही आता है। इसको बनाने के आसान तरीके होने चाहिए ताकि इन्हें दर-दर भटकना न पड़े। नौतनवां निवासी भूतपूर्व सैनिक तुल बहादुर थापा ने कहा कि मैंने भारत और बांग्लादेश के बीच 1971 की लड़ाई लड़ी है उस युद्ध में मुझे हाथ और जंघे में दो गोली लगी है। मैं उसी समय से फौज के लिए अनफिट हो गया था और पेंशन आ गया।