- जीबीसी: आकांक्षाओं पर खरे उतर रहे यूपी के आकांक्षात्मक जिले
- कभी नक्सलियों, डकैतों, पिछड़े जिले का दंश झेल रहे आठ जिले बनेंगे यूपी के विकास के ग्रोथ इंजन्स
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनिटरिंग और दूरदर्शी सोच का दिखने लगा असर
लखनऊ। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान देश-विदेश के औद्योगिक समूहों की ओर से मिले 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तव को योगी सरकार धरातल पर उतारने की तैयारी में जोर-शोर से जुटी हुई है। इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के प्रथम फेज में प्रदेश के सभी 75 जिलों में लाखों करोड़ का निवेश धरातल पर उतरने को तैयार है। सबसे अहम बात ये है कि क्रियान्वित होने जा रहे निवेश के मामले में यूपी के बड़े और औद्योगिक शहर ही नहीं बल्कि वो जनपद भी किसी से पीछे नहीं हैं, जिन्हें अबतक सबसे पिछड़ा माना जाता रहा है। देशभर के 100 आकांक्षात्मक जिलों में से आठ उत्तर प्रदेश में हैं, जिन्हें पिछड़ा माना जाता है। मगर, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के प्रथम फेज के लिए इनकी परफॉर्मेंस ने सबको चौंका दिया है। अबतक 7 लाख करोड़ के निवेश में से एक लाख करोड़ से अधिक का निवेश इन आठ आकांक्षात्मक जिलों में धरातल पर उतरने जा रहा है।
प्रदेश के आकांक्षात्मक जिले बने यूपी के विकास का दूसरा ग्रोथ इंजन
यूपी का सोनभद्र, चंदौली जिला, जो कभी देश में नक्सलियों से प्रभावित था, आज प्रदेश के विकास में अपनी अहम भूूमिका निभा रहा है। इसके अलावा डकैतों के आतंक से प्रभावित चित्रकूट और पिछड़ा जिला होने का दंश झेल रहे सिद्धार्थनगर, बहराइच, फतेहपुर, श्रावस्ती और बलरामपुर ने बड़ी संख्या में निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छोटे जिलों को विकास से जोड़ने की मुहिम का ही असर है। वहीं पहले इन जिलों में अव्यवस्था और नक्सल-दस्यु गतिविधियों के चलते उद्योग जगत यहां बड़ा निवेश करने से कतराते रहे हैं। हालांकि, अब परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं। योगी सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति, दुर्गम और हाशिये वाले क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास, आधारभूत संरचनाओं का निर्माण और बेहतर कनेक्टिविटी से ये जिले यूपी के विकास के ग्रोथ इंजन बनने जा रहे हैं।
सोनभद्र में उतरेंगी 78 हजार करोड़ से अधिक की 43 निवेश परियोजनाएं
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में नोएडा के बाद धरातल पर उतरने जा रहा सबसे ज्यादा निवेश सोनभद्र में ही होने वाला है। इस निवेश से ना सिर्फ पूर्वांचल बल्कि प्रदेश के विकास को भी रफ्तार मिलेगी। तकरीबन 78,815 करोड़ की 43 निवेश परियोजनाएं सोनभद्र में कार्यान्वित होने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। इसी तरह कभी नक्सल गतिविधियों का गढ़ माने जाने वाले चंदौली जिले में 17,455 करोड़ की 69 परियोजनाएं धरातल पर उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वहीं आकांक्षात्मक जिलों में शामिल चित्रकूट में 6,765 करोड़ की 42 परियोजनाएं, सिद्धार्थनगर में 297 करोड़ की 56 परियोजनाएं, फतेहपुर में 1,831 करोड़ की 72 परियोजनाएं धरातल पर उतरने के लिए रेडी हैं। इसके अलावा तराई वाले जिले बहराइच में 736 करोड़ की 69 परियोजनाएं, श्रावस्ती में 866 करोड़ की 74 परियोजनाएं और बलरामपुर में 368 करोड़ की 36 परियोजनाएं धरातल पर उतरने को तैयार हैं।