
- नहीं थम रही बड़ी वारदात
- सूबे में क्रिमिनल बेखौफ, अपराध बेकाबू
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। बाराबंकी की पुलिसिंग में अपराध बेकाबू हैं। अपराधी बेखौफ हैं। बाराबंकी के पुलिस तंत्र का अपराधियों पर कोई नियंत्रण ही नहीं है।
बाराबंकी जिले के फतेहपुर कस्बे ब्रह्मानी टोला निवासी व्यापारी धनेन्द्र जैसे हाईप्रोफाइल मामले हों या फिर 28 दिसंबर 2015 को आगरा जिले में पशु व्यापारी रफीक कुरैशी के यहां हुई दो करोड़ की डकैती का मामला। पुलिस पर लगातार सवालिया निशान के घेरे में है।
बाराबंकी जिले के टिकैत गंज में रहने वाले बर्तन कारोबारी शिवकुमार व उनके परिवार को बंधक बनाकर डकैतों ने एक करोड़ की डकैती डाली तो फिर पुराने जख्मों को ताज़ा कर दिया। पुराने जख्मों को बाराबंकी वासी भुला भी नहीं पाए थे कि इसी जिले में हथियार बंद बदमाशों ने एक करोड़ की डकैती डालकर पुलिस को खुली चुनौती दे डाली।
यूपी पुलिस की कार्यशैली पर गौर करें तो घर छह फरवरी 2016 को बेखौफ डकैतों ने मेथा के बड़े कारोबारी धनेन्द्र कुमार जैन के यहां परिवार को बंधक बनाकर ढाई करोड़ की डकैती डाली थी। यही नहीं आगरा जिले में पशु कारोबारी रफीक कुरैशी के बदमाशों ने परिवार को बंधक बनाकर दो करोड़ की डकैती डालकर पुलिस को खुली चुनौती दी थी। यह तो महज बानगी भर है इससे पहले भी बदमाशों ने यूपी के अलग-अलग जिलों में कई बार कई संगीन घटनाओं को अंजाम देकर चुनौती दे चुके हैं, जिसमें राजधानी लखनऊ भी शामिल है।