
- बस्ती के MP-MLA कोर्ट में सुनवाई आज
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज । बस्ती निवासी धर्मराज मद्धेशिया के पुत्र राहुल मद्धेशिया के अपहरण कांड में आरोपी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ कुर्की के आदेश पर अमल करने के प्रयास में पुलिस ने एंडी-चोटी का जोर लगा दिया है। मंगलवार को दो टीमें संपत्तियों का ब्योरा खंगालने के लिए रवाना हुई हैं। पुलिस का प्रयास है कि बुधवार को सुनवाई से पहले कुर्की कर ली जाए। दो दिसंबर को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम/विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) प्रमोद कुमार गिरि ने पुलिस को नई टीम गठित कर कुर्की की कार्रवाई पूरी करके 20 दिसंबर को सुनवाई की तारीख पर रिपोर्ट करने का आदेश दिया था। इससे पहले न्यायालय के आदेश पर पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी के लिए एसपी स्तर से पुलिस टीम का गठन किया गया था, लेकिन टीम कुछ नहीं कर पाई। इसके बाद न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाते हुए कोतवाल को तलब कर लिया था।
दो दिसंबर को दूसरी टीम का गठन करके कुर्की कर 20 दिसंबर तक अनुपालन आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने कोतवाली के अतिरिक्त निरीक्षक कृपाशंकर मौर्य, क्राइम ब्रांच के निरीक्षक संजय कुमार, एसओ महिला थाना निधि यादव, एसओजी व स्वाॅट प्रभारी और चौकी इंचार्ज सिविल लाइंस की नई टीम बनाया था। टीम के पर्यवेक्षण का जिम्मा सीओ सिटी विनय चौहान को सौंपा गया है। कोतवाल चंदन कुमार ने बताया कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन किया जा रहा है। बता दें कि कुर्की की नोटिस के बावजूद दो दिसंबर को आरोपीगण अमरमणि त्रिपाठी के न्यायालय में हाजिर न होने की दशा में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम/विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) प्रमोद कुमार गिरि ने सीआरपीसी-83 के तहत संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है।
यह है मामला
छह दिसंबर 2001 को व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल मद्धेशिया का अपहरण हो गया था। इस मामले में कोतवाली थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया गया था। पुलिस ने इस मामले में अमरमणि समेत नौ लोगों को आरोपी बनाया था। केस का ट्रायल शुरू करने के लिए न्यायालय बार-बार तलब कर रहा है, लेकिन पुलिस अमरमणि को न्यायालय के सामने पेश नहीं कर पाई। अमरमणि पर आरोप है कि लखनऊ के जिस मकान से अपहृत बालक मिला था, वह तत्कालीन मंत्री अमरमणि का था। अमरमणि के खिलाफ 24 अक्तूबर 2011 से गैर जमानती वारंट जारी है। तीन नवंबर 2023 को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने बस्ती कोतवाली पुलिस को सीआरपीसी-82 की कार्रवाई करने का आदेश दिया था। 16 नवंबर की सुनवाई में पुलिस ने सीआरपीसी-82 की कार्रवाई से कोर्ट को अवगत कराया, लेकिन न्यायाधीश ने खारिज करते हुए प्रभारी निरीक्षक कोतवाली के विरुद्ध कार्य में शिथिलता व लापरवाही का प्रकीर्णवाद दर्ज कर दो दिसंबर को तलब किया था।