- मुकादमे का मुख्य आरोपी घूम रहा, खुलेआम कधंई पुलिस को मैंनेज किए जाने की है चर्चा
- 14 दिसंबर की शाम पांच बजे ग्यारह हजार की लाइन ठीक करते समय धर्मेंद्र प्रजापति की हुई थी दर्दनाक मौत
अजीत तिवारी
प्रतापगढ़ । एक सप्ताह और दस दिन के अंदर सहायता राशि दिए जाने का आश्वासन हवा हवाई साबित हो गया। कधंई थाना क्षेत्र के कांपा हरी गांव निवासी संविदा लाइन मैन धर्मेंद्र प्रजापति पुत्र रामदीन की कधंई थाना क्षेत्र के रुदापुर गांव में ग्यारह हजार हाई वोल्टेज की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई थी। परिजनों ने 24 घंटे तक शव का दाह संस्कार करने से मना कर दिया था। शव घर पर रखकर आर्थिक सहायता और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। उस दौरान विद्युत विभाग और पुलिस की जान हलक में अटक गई थी। साम दाम दण्ड भेद ऐन केन प्रकारेण धर्मेंद्र प्रजापति के परिजनों को झांसे, में लेकर कुछ तथाकथित पत्रकार और ढोंग करने वाले समाजसेवी शव का बेलखरनाथ धाम में दाह संस्कार करवा दिया यह कहते हुए की एक सप्ताह के अंदर सहायता राशि मिल जाएगी।
विधुत उपकेंद्र सोनाही के एसडीओ शैलेन्द्र सिंह को बुलाकर बकायदा लिखवाया गया की विधुत सुरक्षा अधिनियम के तहत बिजली विभाग के इंस्पेक्टर की जांच के बाद आर्थिक सहायता मिल जाएगी लेकिन आठरह दिन बाद भी कोई भी विभागीय अधिकारी कर्मचारी धर्मेंद्र प्रजापति के घर झांकने तक नहीं गया।और झूठा आश्वासन देने वाले ढोंगी समाजसेवी और तथाकथित पत्रकार अब धर्मेंद्र प्रजापति के परिवार की मदद करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। बिजली विभाग की तरफ से जांच करने वाले इंस्पेक्टर भी कांपा हरी गांव नहीं पहुंचे हैं। मृतक धर्मेंद्र प्रजापति के पिता रामदीन व भाई राजेश प्रजापति पत्नी संगीता ने बताया की फोन से भी किसी भी अधिकारी ने कोई भी जानकारी नहीं ली और न ही किसी प्रकार की सहायता ही अभी तक मिली है। रामदीन की तहरीर पर मुकदमे का मुख्य आरोपी करुणेश शर्मा को भी कधंई पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है आरोपी खुलेआम घूम कर पुलिस की खिल्ली उडा रहा है।
क्षेत्र में चर्चा यह है कि कधंई पुलिस करुणेश शर्मा को बचाने के लिए दलालों के माध्यम से मोटी रकम ले चुकी है इसलिए उसे गिरफ्तार करने में हीला हवाली कर रही है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के दावों और आदेश को प्रतापगढ़ जिले के अधिकारी कर्मचारी नहीं मानते हैं। तीन साल से सोनाही विधुत उपकेंद्र पर तैनात धर्मेंद्र प्रजापति को सभी जानते थे कि यह संविदा लाइन मैन के पद पर कार्यरत हैं इसके बावजूद भी उसके परिवार के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। जिले के आलाधिकारी भी भ्रष्टाचार से कराह रहा सोनाही विधुत उपकेंद्र की जांच का आदेश देना मुनासिब नहीं समझ रहे है। मंच से भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने वाले जिले के नेता भी भ्रष्टाचार में संलिप्त जिले के सरकारी अधिकारी कर्मचारी को बचाते हैं।