
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
आडवाणी ने कहा कि यह बड़ा सौभाग्य का योग है कि ऐसे भव्य प्रसंग पर प्रत्यक्ष उपस्थिति का अवसर मिला है। क्योंकि श्रीराम का मंदिर यह केवल एक पूजा की दृष्टि से अपने आराध्य का मंदिर, केवल ऐसा प्रसंग नहीं है। इस देश की पवित्रता, और इस देश की मर्यादा की स्थापना पक्की होने का यह प्रसंग है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इसकी पुष्टि कर दी है। उन्होंने बताया कि लालकृष्ण आडवाणी 22 जनवरी को अयोध्या में रहेंगे और समारोह में शामिल होंगे। आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल, राम लाल और आलोक कुमार ने बुधवार को आडवाणी के घर पहुंचकर उन्हें राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता दिया। लालकृष्ण आडवाणी को अयोध्या में समारोह के दौरान सभी जरूरी मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
इस दौरान आडवाणी ने कहा कि यह बड़ा सौभाग्य का योग है कि ऐसे भव्य प्रसंग पर प्रत्यक्ष उपस्थिति का अवसर मिला है। क्योंकि श्रीराम का मंदिर यह केवल एक पूजा की दृष्टि से अपने आराध्य का मंदिर, केवल ऐसा प्रसंग नहीं है। इस देश की पवित्रता, और इस देश की मर्यादा की स्थापना पक्की होने का यह प्रसंग है। उन्होंने कहा कि पहली बात, इतने वर्षों के बाद भारत के ‘स्व’ के प्रतीक का पुनर्निर्माण हमने किया। वो हमारे पुरुषार्थ के आधार पर किया। दूसरी बात यह है कि जो अपनी एक दिशा होनी चाहिए, उसको पकड़ने का प्रयास भी अनेक दशकों से हम लोग कर रहे थे, वो हमें मिल गई है और स्थापित हो गई है। एक विश्वास सबके मन में स्थापित हुआ है, उसके कारण संपूर्ण देश का वातावरण मंगलमय बना है। और ऐसे में हम प्रत्यक्ष वहां उपस्थित रहेंगे, उस प्रसंग को देखेंगे, उसमें सहयोगी बनेंगे…यह कहीं किसी जन्म में पुण्य हुआ होगा उसी का फल हमको मिल रहा है। इसलिए मैं आपका कृतज्ञतापूर्वक धन्यवाद करता हूं। ये तो मांग के भी न मिलने वाला अवसर है, वो मिला है…जरूर उसमें रहूंगा। बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दौरान गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले 16 जनवरी से अयोध्या में अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे।
22 जनवरी को होनी है रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा
बताते चलें कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे। ऐसे में केंद्र से लेकर राज्य सरकार के अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त हैं। अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मेहमानों को न्योते भेजे जा रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों ने बेहद सधे अंदाज में अतिथियों की लिस्ट तैयार की है। मेहमानों की सूची में करीब 150 समुदायों से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है। इन सभी के पास अब न्योते मिलने की पुष्टि होने लगी है।
सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने में जुटे अधिकारी
गौरतलब है कि अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री समेत देश के शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों का जमावड़ा हो रहा है। इसके लिए एक सप्ताह पहले से ही सुरक्षा के इंतजाम ही नहीं किया जा रहे हैं बल्कि रिहर्सल कर इन व्यवस्थाओं को परखा भी जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी से हो जाएगी। इसलिए इसी तारीख से सुरक्षा व्यवस्था को न सिर्फ चाक-चौबंद कर दिया जाएगा बल्कि तैयार हुए सुरक्षा प्लान का बाकायदा रिहर्सल भी किया जाएगा। इसके पीछे वजह साफ है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी की राज्यपाल समेत अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े हुए लगभग ढाई हजार लोग होंगे जो देश के नामी गिरामी चेहरे हैं।