नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि वह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ 2018 में दर्ज हत्या के प्रयास के एक मामले में दायर उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर 12 जनवरी को विचार करेगा। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने केंद्रीय राज्य मंत्री की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब-तलब किया। प्रमाणिक ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की जलपाईगुड़ी सर्किट पीठ के चार जनवरी के आदेश को चुनौती दी, जिसमें उन्हें मामले में अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार कर दिया गया था।
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के दिनहाटा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में 2018 में एक समूह ने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर गोलीबारी की थी, जिसमें एक व्यक्ति को कथित तौर पर गोली मार दी गई और वह घायल हो गया। इस मामले में प्रमाणिक के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। शीर्ष अदालत ने आज प्रमाणिक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पी एस पटवालिया से राज्य के वकील को याचिका की प्रति सौंपने को कहा। प्रमाणिक के वकील ने अदालत के समक्ष दलील दी कि उनका मुवक्किल संसद सदस्य एवं मंत्री है। उच्च न्यायालय ने चार जनवरी को उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था।
अदालत के समक्ष वकील ने कहा कि पहले वह तृणमूल कांग्रेस में थे। अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हैं, इसीलिए मामले में उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। वरिष्ठ वकील ने अदालत से उन्हें सुरक्षा देने की गुहार लगाई। इस पर पीठ ने पूछा कि जब उनकी याचिका अभी भी उच्च न्यायालय में लंबित है तो वह वहां क्यों नहीं जा सकते। इसके जवाब में वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय 22 जनवरी को मामले की सुनवाई करने वाली है। इस बीच ऐसी आशंका है कि पुलिस प्रमाणिक को गिरफ्तार कर सकती है। संक्षिप्त दलीलों के बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 12 जनवरी के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।(वार्ता)