- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दशमेश गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व कार्यक्रम में हुए शामिल
- इतिहास में बहुत कम देखने को मिलता है कि कई पीढ़ियां देश और धर्म की रक्षा के लिए खुद को बलिदान कर दें : योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर प्रदेशवासियों को लख लख बधाइयां दीं। डीएवी डिग्री कॉलेज में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह एक दिव्य महापुरुष थे, जिनका इस धराधाम पर निश्चित प्रायोजन से आगमन हुआ था। खालसा पंथ की स्थापना ही मुगल साम्राज्य के पतन का कारण बना। पूरा देश आज दशमेश गुरु महाराज के प्रकाशोत्सव के साथ जुड़कर उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए एक नई प्रेरणा प्राप्त कर रहा है। गुरु गोविंद सिंह महाराज एक शहीद पिता के पुत्र और शहीद पुत्रों के पिता भी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर महाराज ने सत्य और न्याय की स्थापना के लिए शहादत की जो शृंखला उस कालखंड में शुरू की थी, उस परंपरा को गुरु गोविंद सिंह महाराज ने भी आगे बढ़ाया। उनके चारों पुत्र साहिबजादा अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह धर्म और देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देते हैं। उस वक्त गुरु गोविंद सिंह महाराज ने हमारे सामने जो उदाहरण प्रस्तुत किया वो आज भी हम सबके लिए प्रेरक हैं।
मुख्यमंत्री ने गुरु गोविंद सिंह को नमन करते हुए कहा कि इतिहास में बहुत कम देखने को मिलता है कि कई पीढ़ियां देश और धर्म की रक्षा के लिए खुद को बलिदान कर दें। ये हमारा सौभाग्य है कि लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंध समिति द्वारा साहिबजादों के बलिदान और उनकी स्मृति में वीर बाल दिवस की मांग 2018-19 में उठाई गई और पहली बार मुख्यमंत्री आवास में महान कीर्तन का आयोजन हुआ, जिसके बाद 2022 से वीर बाल दिवस का राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन शुरू हो गया है। आज भारत के कोटि कोटि नौजवानों के लिए गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादे प्रेरणा बन चुके हैं। मात्र सात साल और नौ साल की उम्र में भी देश और धर्म के प्रति संकल्प से साहिबजादे टस से मस नहीं हुए। कल्पना कीजिए कितनी मजबूत नींव है सिख पंथ की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख जहां भी रहता है वहां अपने परिश्रम, पुरुषार्थ और सेवाकार्य के लिए जाना जाता है। देश और धर्म के लिए मर मिटने के लिए हमेशा तैयार रहता है। सिख गुरुओं ने अलग-अलग कालखंड में समाज का मार्गदर्शन किया है। उत्तर प्रदेश में कई ऐतिहासिक महत्व के गुरुद्वारे मौजूद हैं। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर सिख गुरुओं का आगमन हुआ है। इन्हें संभालकर रखना हमारी जिम्मेदारी है। ये आने वाली पीढियों का मार्गदर्शन करेंगे। भीषण शीतलहर में भी गुरु परंपरा के प्रति सम्मान व्यक्त करने आप सब आए हैं। यही विरासत का सम्मान है। गुरु गोविंद सिंह हमें इतनी शक्ति दें कि हम उनके मार्ग का अनुसरण करते हुए देश और समाज के लिए कुछ कर सकें। कार्यक्रम के दौरान लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंध समिति की ओर से मुख्यमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। योगी ने इस अवसर पर नेशनल गेम्स में स्वर्ण और रजत पदक प्राप्त करने वाले खालसा इंटर कॉलेज के छह बच्चों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में सरदार राजेन्द्र सिंह बग्गा, सतपाल सिंह, सरदार परविंदर सिंह टीटू, भाजपा लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह मौजूद रहे।