डॉ दिलीप अग्निहोत्री
नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ ने तीर्थाटन व पर्यटन पर अत्यधिक जोर दिया। इस विषय को प्राथमिकता में शामिल किया। अनेक सर्किट का निर्माण चल रहा है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस दिशा में प्रभावी कदम उठा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को हिंदुओं की आस्था के सबसे महत्वपूर्ण स्थल के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। इक्ष्वाकुपुरी के रूप में सरयू के तट पर एक आध्यात्मिक सांस्कृतिक नगरी स्थापित की जा रही है। इस हरित नगरी में निर्मित क्षेत्रफल अधिकतम पांच प्रतिशत होगा। इक्ष्वाकुपुरी का विकास पूर्व एशियाई हिंदू वास्तुशैली और भारत की तीनों नागर, द्रविड़ और बेसर के मिश्रण से किया जाएगा। भवन निर्माण की अन्य प्राचीन शैलियों का भी प्रयोग होगा। विश्व के अनेक देशों के लोग अपने को श्रीराम का वंशज मानते हैं। उन्होंने अपनी शैली में श्रीराम के प्रतीक स्थापित किया। उनका भी इसमें प्रयोग होगा। इस प्रकार इस नगरी से अनेक देशों के लोगों भावनात्मक लगाव बढ़ेगा।
श्रीराम अवतार थे। उनकी पूजा की जाती है। लेकिन अयोध्या राज्य का इतिहास बहुत व्यापक और गौरवशाली रहा है। इस इतिहास की जानकारी प्रत्येक भारतीय को होनी चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने इस ओर भी ध्यान दिया है। सरयू नदी के तट पर यह इतिहास भी उकेरा जाएगा। महाराज मनु, इक्ष्वाकु, मान्धाता, रघु, हरिश्चंद्र, दिलीप, भगीरथ, अज, दशरथ आदि का इतिहास लोगों को बताया जाएगा। इक्ष्वाकुपुरी के एक तरफ सरयू नदी के किनारे रिवर फ्रंट बनेगा। इस इतिहास से जुड़े ऐतिहासिक चित्र, लघु फिल्मों, डाक्यूमेंट्री, डिजिटल किताबों आदि का प्रदर्शन होगा। इस नगरी में आधुनिकता, वैज्ञानिकता और आध्यात्मिकता तीनों का समन्वय होगा। सौ से ज्यादा देशों में प्रभु राम को अपना वंशज मानने वाला समुदाय है। इन सभी की शैली व परम्परा के यहां दर्शन होंगे। इन सभी दृष्टियों से भव्य राम मंदिर, इक्ष्वाकुपुर, कुंभ नगरी का निर्माण होगा। अयोध्या के बाहरी क्षेत्र को आसपास शहरों व बड़े राजमार्गों से जोड़ने के लिए फोर लेन सड़कों, ओवरब्रिज, बाईपास, एयरपोर्ट आदि का निर्माण भी किया जाएगा। शास्त्रों में वर्णित दंडकारण्य, विंध्यारण्य, धर्मारण्य, वेदारण्य व गुरुकल, जलाशय, सरोवर, उपवन की भी स्थापना की जाएगी।
योगी आदित्यनाथ की इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन के बाद अयोध्या विश्व स्तरीय तीर्थाटन केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित होगा। योगी आदित्यनाथ ने दो धागे श्रीराम के लिए कार्यक्रम में भी अयोध्या के प्रति अस्था और वहां हो रहे विकास का उल्लेख किया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को हेरिटेज एण्ड हैण्डवीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा श्रीरामलला के वस्त्र प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘दो धागे श्रीराम के लिए’ कार्यक्रम राम भक्ति का ताना और हैण्डलूम का बाना के समन्वय को स्पष्ट करता है। रामभक्ति का ताना हस्तशिल्प परम्परा को एक नई ऊर्जा व नई दिशा प्रदान करने वाला है। श्रीरामलला के वस्त्रों को बनाने में बारह लाख से अधिक भक्तों की आस्था व जनसहयोग रहा है। इनमें विभिन्न जाति, पंथ, भाषा व प्रान्त के लोग शामिल रहे हैं। साथ ही, हथकरघा कला को ‘दो धागे श्रीराम के लिए’ कार्यक्रम से बढ़ावा मिला है। रामो विग्रहवान् धर्मः’। श्रीराम धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष के माध्यम हैं। श्रीराम नाम सकारात्मकता व ऊर्जा से भरपूर है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे, रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः।’ भारत में श्रीराम के बिना कोई कार्य नहीं होता। हमारी दिनचर्या में श्रीराम समाए हैं। समाज में विभिन्न शुभ एवं मांगलिक कार्यक्रमों में रामनाम पाठ, संकीर्तन आदि सम्पन्न होते हैं।