राजकोट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि खोडलधाम कैंसर अस्पताल सेवा भावना तथा सर्व समाज के कल्याण का प्रतीक बनेगा। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज राजकोट जिले में कागवड से खोडलधाम कैंसर अस्पताल तथा अनुसंधान केन्द्र का भूमिपूजन किया। इस कार्यक्रम में मोदी आभासी माध्यम से जुड़े। उन्होंने सातवें पाटोत्सव के अवसर पर खोडलधाम की पवित्र भूमि पर उपस्थित भक्तों के साथ जुड़ने पर प्रसन्नता व्यक्त की। मोदी ने कहा कि राजकोट में पडधरी तहसील के अमरेली में निर्मित होने वाले कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र के भूमिपूजन के साथ खोडलधाम ट्रस्ट ने जन कल्याण तथा सेवा के क्षेत्र में एक और सुंदर पहल की है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल से राजकोट सहित सौराष्ट्र के बड़े प्रदेश को लाभ होगा। यह कैंसर अस्पताल सेवा भावना एवं सर्व समाज के कल्याण का प्रतीक बनेगा।
उन्होंने कहा कि लेउआ पाटीदार समाज द्वारा सेवा, संस्कार एवं समर्पण के संकल्प के साथ प्रारंभ हुए खोडलधाम ट्रस्ट ने शिक्षा, कृषि एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रों में उदाहरणीय कार्य करके अनेक लोगों का जीवन बदलने का कार्य किया है। मोदी ने कहा कि कैंसर सहित गंभीर बीमारियों के उपचार में बड़ा खर्च होता है, तब मरीज एवं उसके परिजन को आर्थिक मुश्किलों से बचाव को सुनिश्चित करने को सरकार कटिबद्ध है। सरकार ने पिछले नौ वर्षों में लगभग 30 कैंसर अस्पताल शुरू किए हैं और 10 नए कैंसर अस्पताल बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कैंसर के उपचार में शीघ्रातिशीघ्र निदान होना आवश्यक होता है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में भी कैंसर सहित गंभीर रोगों का निदान शीघ्र संभव बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने ग्रामीण स्तर पर डेढ़ लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए हैं। देश के विकास के लिए देश के नागरिकों के स्वस्थ एवं सशक्त होने को अनिवार्य बताते हुए उन्होंने कहा कि इस विचार को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने नागरिकों को गंभीर बीमारियों के मामलों में भी उपचार के लिए धन की चिंता से बचाने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की है, जिसका लाभ छह करोड़ से अधिक लोगों ने अस्पतालों में दाखिल होकर तथा उपचार लेकर प्राप्त किया है।
उन्होंने कहा कि उपचार के अलावा सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने लगभग 10000 जन औषधि केन्द्र शुरू किए हैं, जहाँ बाजार मूल्य से 80 प्रतिशत कम दर पर दवाइयाँ मिलती हैं। इन केन्द्रों के परिणामस्वरूप मरीजों के दवाई पर होने वाले खर्च में 30000 करोड़ रुपए की बचत हुई है। प्रधानमंत्री ने पिछले 20 वर्षों में गुजरात द्वारा स्वास्थ्य सुविधा क्षेत्र में की गई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2002 में गुजरात में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 11 थी; जो आज बढ़कर 40, फार्मेसी कॉलेजों की संख्या 13 से बढ़कर 100, डिप्लोमा फार्मेसी कॉलेजों की संख्या छह से बढ़ कर 30 हुई है। मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें पांच गुना तथा पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटें तीन गुना हुई हैं। गुजरात भारत का बड़ा मेडिकल हब बन गया है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में गाँव-गाँव में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) खोले गए हैं। आदिवासी व गरीब क्षेत्रों तक उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के साथ गुजरात ने देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार का मॉडल प्रस्तुत किया है। प्रधानमंत्री ने लोगों से नौ बातों पर ध्यान केन्द्रित करने का अनुरोध किया है। इनमें जल संरक्षण व संग्रह, ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ाना, अपने गाँव-शहर को स्वच्छता में अव्वल बनाना, मेड इन इंडिया-स्थानीय उत्पादित वस्तुएँ खरीदना, प्राकृतिक खेती अपनाना, मिलेट्स का उपयोग, व्यसनमुक्ति तथा स्वस्थता के साथ शारीरिक सज्जता प्राप्त करना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये नौ संकल्प देश के विकास में सामाजिक शक्ति को व्यापक रूप से जोड़ने में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।(वार्ता)