गाली गलौज व निलंबित होने वाले जेल अफसर हुए सम्मानित!

  • IG जेल की जारी सूची में आरोप एवम दागदारों का रहा बोलबाला
  • सम्मानित होने वालों की सूची में वाहन चालक, चपरासी तक शामिल

राकेश यादव

लखनऊ। मातहत सुरक्षाकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार (गाली गलौज) करने और डीआईजी जेल की जांच में निलंबन की संस्तुति होने वाले अफसरों को कारागार विभाग के अधिकारियों ने सम्मानित कर दिया। यह बात सुनने और पढ़ने में भले ही अटपटी लगे लेकिन इस सच का खुलासा विभाग की ओर से गणतंत्र दिवस पर प्लेटनियम (हीरक), गोल्ड (स्वर्ण), सिल्वर (रजत) और प्रशंसा प्रमाण पत्र दिए जाने की सूची से हुआ है। यह मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

बीते दिनों मैनपुरी जेल में एक कार्यक्रम के दौरान जेल अधीक्षक कोमल मंगलानी ने मंच से जेल कर्मियो के साथ अपशब्दों का खुलेआम इस्तेमाल किया। इसका वीडियो वायरल हुआ। कई दिनों तक यह मामला सुर्खियों में भी रहा। शासन और जेल मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने इस अधीक्षक के खिलाफ कार्यवाही तो कोई नहीं बल्कि इसको सराहनीय कार्य करने के लिए प्रशंसा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित जरूर कर दिया। यही नहीं राजधानी की लखनऊ जिला जेल में बहुचर्चित सन साइन सिटी मामले की हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हुई जांच में तत्कालीन डीआइजी ने वरिष्ठ अधीक्षक आशीष तिवारी समेत दो अन्य के खिलाफ निलंबन की संस्तुति की। दोषी अधीक्षक के निलंबन की बात छोड़िए उसको भी प्रशंसा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित कर दिया गया। इस जेल में बीते तीन साल के दौरान घटनाओं का अंबार बना रहा है। कैदियों की फरारी से लेकर बंदियों की गलत रिहाई और बंदियों की पिटाई से बंदीरक्षक की मौत तक हो चुकी है। कार्यवाही करने के बजाए तोहफा दिया गया है।

इसी प्रकार विभाग के सम्मानित होने वाले कर्मियों की सूची में एडवांस लेकर बजट आवंटित करने वाले अमिताभ मुखर्जी, पिछले करीब तीन दशक से लखनऊ परिक्षेत्र अच्छी पैठ बनाने वाले वीरेश चंद्र वर्मा, फिरोजाबाद जेल में अधिकारियों की उगाही के खिलाफ आवाज बुलन्द करने वाली डिप्टी जेलर और घूम फिरकर पश्चिम की कमाऊ जेलों पर रहने वाले जेलर राजेश कुमार सिंह को भी आईजी का प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया गया है। सम्मानित होने वालों की सूची में जेलर, डिप्टी जेलर, वॉर्डर, हेड वार्डर के साथ बाबू, एंबुलेंस चालक, चपरासी तक शामिल हैं। आलम यह है कि सूची में तमाम दागदार और आरोपियों को पुरस्कृत किया गया है। सूची चयन के संबंध में जब आईजी जेल एसएन साबत से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे बात नहीं हो पाई। उधर डीआइजी मुख्यालय अरविंद कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि नामों के लिए चयन समिति गठित की गई थी। चयन समिति से सदस्यों ने अपने ही नामों का चयन कर लेने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

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