पौष पूर्णिमा पर बन रहे हैं ‘गुरु पुष्य योग’ समेत ये सात अद्भुत संयोग

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता

हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। इस बार 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा है। सनातन धर्म में पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने की परंपरा है। साथ ही इस दिन गीत, तपस्या और दान जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं। पूर्णिमा तिथि पर भक्त गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। साथ ही संसार के रचयिता भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पूर्व जन्म में किए गए पाप भी नष्ट हो जाते हैं। पौष पूर्णिमा पर सात अद्भुत संयोग बनने जा रहे हैं, जिनमें दुर्लभ “गुरु पुष्य योग” भी शामिल है। इन योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

पौष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि 24 जनवरी को रात 9.49 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 25 जनवरी को रात 11.23 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। इसलिए पौष पूर्णिमा 25 जनवरी को मनाई जाएगी।

पौष पूर्णिमा पर शुभ योग

ज्योतिषियों के अनुसार, सबसे पहले पौष पूर्णिमा पर प्रीति योग बन रहा है है। यह योग सुबह 7:32 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी 26 जनवरी को सुबह 7:42 बजे समाप्त होगा। साथ ही पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। रवि योग इस दिन सुबह सात बजकर 13 मिनट से 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। पौष पूर्णिमा पर सुबह आठ बजकर 16 मिनट से दुर्लभ गुरु पुष्य योग बनेगा। यह अगले दिन 26 जनवरी को प्रातः 07:12 बजे समाप्त होगा। इसी समय अमृत सिद्धि योग भी रहेगा। यह अगले दिन 26 जनवरी की सुबह सात बजकर 12 मिनट तक रहेगा। साथ ही पौष पूर्णिमा पर बव करण का निर्माण सुबह 11 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इसके बाद बालव करण योग बनेगा।

पौष पूर्णिमा का महत्व

पौष का महीना सूर्य देव का महीना होता है और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि होती है, ऐसे में सूर्य और चंद्रमा का यह संगम इंसान की सभी मनोकामना को पूरा करता है और उसके जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है। मान्यता है पूर्णिमा की रात को माँ लक्ष्मी साक्षात पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तजनों को सुख-समृद्धि और धन का आशीर्वाद देती हैं। इस दिन घर में विष्णु जी, लक्ष्मी  और शिव जी की पूजा करना शुभ फल प्रदान करता है।

पौष पूर्णिमा पर माघ स्नान का संकल्प

शास्त्रों के अनुसार पौष पूर्णिमा को माघ स्नान का संकल्प ले लेना चाहिए। तीर्थ स्नान के दौरान संकल्प करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है इससे व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है, वह हर कार्य को करने में सक्षम बन पाता है। आरोग्य की प्राप्ति होती है।

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