- चिनहट के औधोगिक क्षेत्र में वारदात
- कर्मचारियों को बंधक बनाकर बदमाशों ने दिया घटना को अंजाम
- संदेह के घेरे में कुछ शख्स पुलिस ने उनपर गड़ाई नजरें
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। राजधानी में दुस्साहसिक घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। चिनहट क्षेत्र के देवा रोड पर औधौगिक इलाके के अप्ट्रान चौकी से कुछ पर स्थित बालाजी ट्रांसफर फैक्ट्री में शुक्रवार की रात गेट से घुसे आधा दर्जन से अधिक नकाबपोश बदमाशों ने वहां पर सो रहे कर्मचारियों को बंधक बनाकर लाखों रुपयों का कॉपर लूट ले गए। विरोध करने पर कर्मचारियों के हाथ-पांव बांध दिए और लूट-पाट कर भाग निकले। शनिवार सुबह संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था के अलावा डीसीपी पूर्वी राजेश श्रीवास्तव सहित कई पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस इस मामले को संदिग्ध मानकर पड़ताल कर रही है, जबकि डकैतों की खोज में अफसरों ने पुलिस की पांच टीमें लगा दी। इसमें क्राइम ब्रांच की टीम भी शामिल है।
पूरे घटनाक्रम पर एक नजर
चौक में रहने वाले संजय अग्रवाल की चिनहट क्षेत्र के देवा रोड स्थित औधोगिक क्षेत्र में अप्ट्रान चौकी से कुछ पर स्थित बालाजी के नाम से ट्रांसफर फैक्ट्री है। शुक्रवार की करीब आधी रात को मुख्य गेट से आधा दर्जन से अधिक नकाबपोश बदमाश फैक्ट्री के भीतर घुस आए। डकैतों ने फैक्ट्री में दाखिल होते ही वहां पर सो रहे राम आधार, विक्रम कश्यप, नितीश कुमार, विमल कश्यप, अजीत सिंह कश्यप व चौथी यादव सहित अन्य कर्मचारियों को बंधक बना लिया और फैक्ट्री में रखा करीब 75 लाख रुपए कीमत का तांबा लूट ले गए। बताया जा रहा है कि बगल में बिस्किट फैक्ट्री के कर्मचारी यहां आकर सो रहे थे।
डीसीपी पूर्वी के मुताबिक मामले को गम्भीरता से लेते हुए डकैतों की खोज में पुलिस की पांच टीमें लगा दी गई हैं।
भौगोलिक स्थिति से वाकिफ थे बदमाश
बदमाश बालाजी ट्रांसफर फैक्ट्री की भौगोलिक स्थिति से पूरी तरह से वाकिफ थे। यही वजह है कि बदमाश आराम से आए और आराम से घटना को अंजाम देकर मौके से भाग निकले। जांच-पड़ताल में जुटे पुलिस अफसरों का कहना है कि बदमाश जिस प्रकार भीतर घुसे, उससे साफ है कि उन्हें बालाजी ट्रांसफर फैक्ट्री की भौगोलिक स्थिति पता थी।
किसी जानने वाले की भूमिका पर संदेह
बदमाशों ने जिस प्रकार यह वारदात की है, उससे पुलिस घटना में बालाजी ट्रांसफर फैक्ट्री से जुड़े किसी व्यक्ति अथवा करीबी की भूमिका होने का संदेह जता रही है। पुलिस इस मामले में कई दिशाओं में पड़ताल कर रही है।
सीसीटीवी कैमरे होते तो मिलती मदद
देवा रोड स्थित औधोगिक क्षेत्र में पुलिस चौकी से कुछ पर हुई पर घटना हुई। फैक्ट्री CCTV कैमरे से नदारद है। यहां लाखों का कारोबार फिर भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। यहां अगर CCTV कैमरा लगा होता तो शायद डकैतों के बारे में पुलिस को शुरुआत में ही कुछ न कुछ सुराग हाथ लग जाता। हालांकि पुलिस उस रास्ते के बारे में छानबीन कर रही है, जहां से डकैत वाहन में लाखों रुपयों का कॉपर लेकर भागने की आशंका जताई जा रही है।