दिलीप अग्निहोत्री
मुंबई। इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल को पद्म भूषण पुरस्कार हेतु चयनित किया गया था। इसके अलावा उन्हें सुशासन स्थापना में शानदार योगदान के लिए चैंपियन ऑफ चेंज महाराष्ट्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राम नाईक को यह सम्मान ग्रैंड हयात में इंटरैक्टिव फोरम फॉर इंडियन इकोनॉमी द्वारा प्रदान किया गया। यह संस्था अंतरराष्ट्रीय गांधी मंडेला पुरस्कार भी देती है। 2018 में भी महाराष्ट्र सरकार उनको सम्मानित कर चुकी है।
उस समय राम नाईक उत्तर प्रदेश में राज्यपाल थे। उस समय महाराष्ट्र सरकार ने राम नाईक को उनकी आत्मकथा ‘चरैवेति! चरैवेति! के लिए सम्मानित किया था। मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में सरकार के मंत्री विनोद तावड़े ने लक्ष्मीबाई तिलक पुरस्कार एवं एक लाख रुपये की राशि देकर नाईक को सम्मानित किया था। महाराष्ट्र सरकार का मराठी भाषा विभाग हर साल मराठी साहित्य में लेखन के लिए पुरस्कार देता है।
मराठी की पहली आत्मचरित्र लेखिका लक्ष्मीबाई तिलक की स्मृति में हर साल प्रकाशित सर्वोत्तम आत्म चरित्र को एक लाख रुपये की राशि का पुरस्कार दिया जाता है। 2018 में राज्यपाल राम नाईक के संस्मरण संग्रह ‘चरैवेति! चरैवेति!’ को सर्वोत्तम आत्म चरित्र के रूप में चयनित किया गया था।