शाश्वत तिवारी
भारत और जापान ने सोमवार को यहां इंडिया-जापान एक्ट ईस्ट फोरम (एईएफ) की सातवीं बैठक आयोजित की। बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा और भारत में जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी ने की। इस दौरान दोनों देशों की ओर से दोनों पक्षों के बीच चल रही विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और सहयोग के नए क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने राजदूत हिरोशी सुजुकी के साथ 7वें भारत-जापान एक्ट ईस्ट फोरम की अध्यक्षता की। उन्होंने कनेक्टिविटी, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल, जापानी भाषा आदि में चल रहे प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा की और सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की।
इसके साथ ही दोनों पक्षों ने उत्तर-पूर्व के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और रसद में सुधार के लिए क्रॉस-बॉर्डर सर्वे की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में संबंधित केंद्र सरकार के मंत्रालयों, कार्यान्वयन संगठनों और भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र की राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वहीं जापानी पक्ष की ओर से जापान के दूतावास और दिल्ली में स्थित जापानी सरकारी संस्थान के प्रतिनिधि शामिल हुए। एक्ट ईस्ट फोरम की स्थापना 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच हुई एक बैठक के बाद हुई थी। एईएफ का गठन दो मुख्य उद्देश्यों के साथ हुआ था, जिनमें भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास और इस क्षेत्र के भीतर और इस क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना शामिल है।