शाश्वत तिवारी
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 16-18 फरवरी को जर्मनी में आयोजित म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर विचार रखने के अलावा कई देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठक भी की। सम्मेलन से इतर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में डॉ. जयशंकर ने कहा कि उनकी बातचीत पश्चिम एशिया, यूक्रेन और इंडो-पैसिफिक की स्थिति पर केंद्रित थी और इस दौरान उन्होंने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में जारी प्रगति की समीक्षा भी की।
जयशंकर ने यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल से मुलाकात की और वर्तमान वैश्विक स्थिति पर दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया। उन्होंने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन से भी मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय सहयोग के साथ ही वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई।
जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान के साथ एक सार्थक बातचीत हुई। कनेक्टिविटी, पश्चिम एशिया की स्थिति और हमारी रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की। इसके अलावा विदेश मंत्री ने अपनी जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के साथ बैठक की और म्यूनिख के युवा नेताओं से बात की। उन्होंने नार्वे के अपने समकक्ष एस्पेन बार्थ आइड के साथ बैठक में बहुपक्षवाद में सुधार की अनिवार्यता पर जोर दिया। जयशंकर ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस के साथ पारंपरिक चिकित्सा और महामारी तैयारियों पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने फ़िलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी के साथ गाजा की मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने कनाडा, अर्जेंटीना, बुल्गारिया, पेरू, पुर्तगाल, पोलैंड, बेल्जियम, अर्मेनिया के अपने समकक्षों के अलावा अन्य कई गणमान्य व्यक्तियों से भी मुलाकात की। म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर बहस के लिए दुनिया का अग्रणी मंच है, जो गंभीर सुरक्षा चुनौतियों पर उच्च स्तरीय बहस के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।