- निर्वाचन आयोग एवं पोलिंग सेंटर की मतदाता सूची में एकरूपता हो, मतदाताओं के नाम कटने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
लखनऊ । प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज भारत निर्वाचन आयोग के डेलिगेशन से कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की और पार्टी की तरफ से लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 को लेकर पार्टी की तरफ से शिकायतें व सुझाव का एक पत्र सौंपा, और आयोग के डेलिगेशन से स्वतंत्र एवम निष्पक्ष समाधान की मांग की अंशू अवस्थी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आए भारत निर्वाचन आयोग के डेलिगेशन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत , राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त गोयल से से राज्यसभा सांसद एवं राज्यसभा में पार्टी के उपनेता प्रमोद तिवारी, पूर्व सांसद पी.एल. पुनिया,एवं कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने मुलाकात की। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के नेताओं ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उत्तर प्रदेश की तरफ से भारत निर्वाचन आयोग को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 को लेकर निम्न सुझाव व शिकायतें रखे।
जनपद-फर्रुखाबाद के निर्वाचन वेयरहाउस के स्ट्रांग रूम में लगी आग के सम्बन्ध में उप्र कांग्रेस कमेटी द्वारा की गयी शिकायत दिनांक 21-12-2023 के परिपेक्ष्य में मुख्य निर्वाचन अधिकारी-उप्र द्वारा जो जवाब दिया गया है वह किसी भी प्रकार से संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। क्योंकि दो माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी उसमें उक्त अग्निकांड का मुख्य कारण अभी तक नहीं बताया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि उक्त स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में दो सुरक्षाकर्मी लगाये गये, जिनमें से एक सुरक्षाकर्मी अवकाश पर था और अन्य एक सुरक्षाकर्मी को गणना कार्यालय भेजा गया था। जबकि स्ट्रॉंग रूम में चार सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगायी जाती है। ऐसी स्थिति में जब वहॉं पर कोई भी सुरक्षाकर्मी नहीं था तो उनके स्थान पर अन्य की ड्यूटी न लगाये जाने का कारण पत्र में स्पष्ट नहीं किया गया है और जो जॉंच कमेटी गठित की गयी उसमें किसी राजनैतिक दल के प्रतिनिधि व न्यायिक मजिस्ट्रेट को शामिल नहीं किया गया, जिससे संदेह उत्पन्न होना स्वाभाविक है।
2. सर्वोच्च न्यायालय के समादेश एवं माननीय निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुरूप निर्वाचन के दौरान जिन प्रत्याशियों के ऊपर आपराधिक मामले लंबित होते हैं, उन्हें व उनके पक्ष में संबंधित राजनैतिक दल को सी-सात (एक राष्ट्रीय समाचार पत्र एवं एक स्थानीय समाचार-पत्र में फांट-10 में एक बार) एवं सी-एक व सी-दो फार्म (एक राष्ट्रीय समाचार पत्र एवं एक स्थानीय समाचार-पत्र में
फांट-10 मे तीन बार) व इलेक्ट्रांनिक मीडिया में तीन बार पट्टी चलवानी पड़ती है। इन विज्ञापनों को समस्त मीडिया हाऊस कॉमर्शियल विज्ञापन मानकर सम्बन्धित प्रत्याशी व राजनैतिक दलों से मनमाना प्रिंटिंग चार्ज लेते हैं। इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग द्वारा प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रांनिक मीडिया हाऊसों को निर्देशित किया जाये कि वह उक्त विज्ञापन को सरकारी विज्ञापन की श्रेणी में रखते हुए कम से कम दाम में प्रिन्ट करें, जिससे प्रत्याशियों एवं राजनैतिक दलों पर आर्थिक दबाव कम हो सके।
3. EVM के साथ संलग्न वी.वी.पैट द्वारा प्रिंट की गयी पर्चियों का 100 प्रतिशत मिलान व गणना की जाये। यदि यह सम्भव न हो तो कम से कम 50 प्रतिशत वी.वी.पैट पर्चियों की गणना आवश्यक रूप से करवाना सुनिश्चित किया जाये।
4. अधिक से अधिक मतदान के लिए चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष रूप से मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन मतदान के दिन तक लगातार किया जाये।
5. समस्त राजनैतिक दलों के बूथ लेवल ऐजेन्टों को अंतरिम मतदाता सूचियों की प्रति उपलब्ध करायी जाये व उस पर आपत्ति के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाये व उक्त अंतरिम मतदाता सूची को चुनाव आयोग द्वारा लोगों की आपत्ति के लिए अपनी वेबसाइट पर भी बूथवार अपलोड किया जाये। जिससे भविष्य में सभी मतदाताओं को मतदान का अधिकार देना सुनिश्चित हो सके।
6. चुनाव आयोग का निर्देश है कि चुनाव के दौरान सभी प्रत्याशियों को अपने खर्चे का भुगतान चेक के माध्यम से किया जाये। परन्तु बैंकों द्वारा सीमित चेक बुक दी जाती है, जिसके खत्म हो जाने पर चुनाव के दौरान भुगतान में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि नई चेकबुक डाक द्वारा आने में बिलम्ब होता है। ऐसे में समस्त बैंकों को निर्देशित किया जाये कि राजनैतिक दलों के जो भी अधिकृत प्रत्याशी हों उन्हें 24 घंटे के अंदर चेक बुक जारी की जाये।
7. विगत में कार्यकर्ताओं द्वारा ऐसी शिकायतें मिली हैं कि चुनाव के दौरान पुलिस द्वारा मतदाताओं एवं राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं के मोहल्ले व गली के सामने अभद्रतापूर्ण वर्ताव करते हुए डर का माहौल पैदा किया जाता है, जिससे वहां के मतदाता खासकर बुजुर्ग व महिलाएं अपने मत का उपयोग न कर पाये। इस चुनाव में ऐसी घटनाओं पर सख्ती के साथ रोक लगायी जाये।
8. चुनावी मशीनरियों का दुरुपयोग करने के उद्देश्य से जो लगातार प्रदेश के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों का स्थानान्तरण किया जा रहा है, उस पर तत्काल रोक लगायी जाये एवं विगत 3 माह में जो स्थानान्तरण किये गये है, उनकी समीक्षा करायी जाये।
9. लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा केन्द्र व प्रदेश सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के सम्बन्ध में जारी होने वाले विज्ञापनों की बाढ़ सी आ गयी है, इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जाये।
10. चुनाव के दौरान ब्लाक स्तर पर खुलने वाले राजनैतिक दलों के कार्यालयों एवं वाहनों को केवल 15 दिन के लिए अनुमति दी जाती है, उसे पूरे चुनाव तक के लिए अनुमति देने हुए निर्देशित किया जाये।
आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि भारत निर्वाचन आयोग अपनी गौरवशाली परम्परा का निर्वहन करते हुए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करायेगा। उपरोक्त बिंदुओं के अलावा कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल की तरफ से सांसद प्रमोद तिवारी, पूर्व सांसद पी . एल पुनिया एवं नेता विधान मंडल दल आराधना मिश्रा मोना ने संयुक्त रूप से मतदाता सूची में नाम वोटर के नाम कटने का विषय उठाया और कहा कि नामांकन के पश्चात चुनाव आयोग से मिलने वाली मतदाता सूची और पोलिंग सेंटर पर पीठासीन अधिकारी के पास होने वाली मतदाता सूची में अंतर पाया जाता है और बहुत से मतदाताओं का नाम कट जाता है, प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि निर्वाचन आयोग की तरफ से मिलने वाली मतदाता सूची को बदला ना जाए , निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची और पोलिंग सेंटर पीठासीन अधिकारी की मतदाता सूची में एकरूपता रहे जिसको लेकर चुनाव आयोग ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए आश्वासन दिया कि कल जिला अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में वह इस बात को जरूर सुनिश्चित कर निर्देश देंगे कि राजनैतिक दलों को मिलने वाली मतदाता सूची के बाद कोई भी परिवर्तन चुनाव के समय पोलिंग सेंटर पर मौजूद मतदाता सूची में ना किया ।