लखनऊ। मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेन्स नीति के तहत चकबन्दी विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रति कठोर कार्यवाही (जिसमें निलम्बन, सेवा से पृथक करना, पदावनत करना तथा FIR दर्ज करना शामिल है) का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में GS नवीन कुमार, चकबन्दी आयुक्त, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रभाकर, तत्कालीन चकबन्दी अधिकारी, मेरठ सम्प्रति सन्तकबीरनगर द्वारा ग्राम-बिसौला में उप जिलाधिकारी का आदेश निरस्त कर ग्रामसभा व राज्य सरकार के मूल्यवान भूमि को क्षति कारित कर निजी काश्तकारों को सदोष लाभ व ग्राम फिरोजपुर में आदेश पारित कर ग्रामसभा और राज्य सरकार की नाला एवं वन विभाग की भूमि पर निजी व्यक्तियों को स्वत्व प्रदान किया गया, जिसके लिये उन्हें सेवा से पदच्युति कर दिया गया है।
नवीन कुमार ने बताया कि ग्राम-बिसौला, परगना हस्तिनापुर, तहसील-मवाना, जिला-मेरठ एवं ग्राम फिरोजपुर, परगना किठौर, तहसील- मवाना, जिला-मेरठ में चकबन्दी प्रक्रियान्तर्गत कृत अनियमितताओं की जांच समिति गठित कर करायी गयी। जांच समिति की संस्तुति के अनुसार ग्राम बिसौला व फिरोजपुर में चकबन्दी प्रक्रियान्तर्गत कृत अनियमितताओं के लिये दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराने एवं ग्रामसभा की ऐसी भूमि, जिस पर चकबन्दी अधिकारी द्वारा निजी व्यक्तियों को स्वत्व प्रदान किया गया है।
जबकि उन्हें प्रारम्भिक स्तर से कोई स्वत्वाधिकार प्राप्त नहीं था, को चिन्हित करते हुये उनके विरूद्ध यथोचित कार्यवाही करने व उक्त भूमि को ग्रामसभा व राज्य सरकार में निहित कराने के निर्देश जिलाधिकारी और जिला उप संचालक चकबन्दी, मेरठ को दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक चकबन्दी विभाग में कुल 22 चकबन्दी प्राधिकारियों को निलम्बित कर चार चकबन्दी अधिकारी को पदच्युति व एक चकबन्दी अधिकारी को उसके मूल पद पर प्रत्यावर्तित करते हुये 40 अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करायी जा चुकी है।