कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने की सराहनीय पहल

  • शाहजहांपुर जेल के महिला और पुरुष बंदियों ने तैयार किये विभिन्न उत्पाद
  • बंदियों के हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए बनेगा जेल पर आउटलेट

राकेश यादव

लखनऊ। यह फोटो जो आप देख रहे हैं, यह उत्पाद किसी प्रशिक्षित पेंटर, बैग टेलर, सिलाई टेलर के निर्मित नहीं हैं। यह हुनर शाहजहांपुर जेल के बंदियों के हाथों का है। जेल प्रशासन के कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने की सराहनीय पहल की है। इसके तहत जेल की महिला और पुरुष बंदियों से बिक्री के लिए पेंटिंग, बैग, हैंड बैग, वूलेन ड्रेस, शर्ट इत्यादि तैयार कराए जा रहें है। बंदियों के हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए जेल के सामने एक आउटलेट तैयार कराया जा रहा है। इस आउटलेट से बंदियों के इन उत्पादों को आम जनमानस को लागत मूल्य पर उपलब्ध कराया जायेगा। शाहजहांपुर जेल में बंद महिला एवं पुरुष बंदियों को विभिन्न प्रकार की उपयोगी वस्तुओं को तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। जिससे वह स्वावलंबी बन करके अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें एवं अपराध की दुनिया से दूर हो जाए। इसी कड़ी में कारागार में विभिन्न प्रकार की जानो उपयोगी वस्तुएं तैयार की जा रही हैं। बंदियों की तैयार की गई सामग्रियों में मुख्य रूप से विभिन्न साइज के एवं विभिन्न रंगों  व डिजाइन में बैग, पेंटिंग, ड्राइंग, महिला सूट एवं अन्य वूलन आइटम्स, आर्गेनिक धूप, विभिन्न साइज के गमले बिना पौधे एवं पौधे सहित आदि शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार इन उत्पादों की बिक्री के लिए जेल के मुख्य द्वार के सामने एक आउटलेट तैयार किया जा रहा है। जिसमें जेल के बंदियों द्वारा तैयार किए गए समान लगभग लागत मूल्य पर आमजन को उपलब्ध कराया जाएगा। इन उत्पादों को तैयार करने में जेल के महिला और पुरुष दोनों बंदियों की भागीदारी रही है। इन उत्पादों के लिए बंदियों को उचित परिश्रमिक भी दिया जाता है। उधर शाहजहांपुर जेल अधीक्षक ने महिला और पुरुष बंदियों द्वारा तैयार किए गए विभिन्न उत्पादों की बात स्वीकार करते हुए बताया कि बंदियों को स्वावलंबी बनाने का यह एक छोटा सा प्रयास है। उत्पादों की बिक्री को देखकर इसको और बढ़ाए जाने की योजना है।

उत्पादों की बिक्री के लिए आज कलेक्टर परिसर में लगेगा स्टॉल

बंदियों के निर्मित उत्पादों को बिक्री के कल नौ मार्च (राष्ट्रीय लोक अदालत दिवस) को शाहजहांपुर कलेक्ट्रेट परिसर में स्टॉल लगाया जाएगा। यह जानकारी जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने दी। उन्होंने बताया कि बंदियों के हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए यह स्टॉल लगाया जा रहा है। बंदियों के मनोबल को बढ़ाने के जनता को प्रदर्शनी देखने के लिए आमंत्रित भी किया गया है। उत्पादों की बिक्री से बंदियों का उत्साहवर्धन भी होगा।

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