चेन्नई। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और राजभवन शपथ ग्रहण के मुद्दें को लेकर एक बार फिर आमने-सामने हैं। ऐसा लगता है कि सरकार और गवर्नर कार्यालय दोनों एक और गतिरोध की ओर बढ़ रहे हैं। राज्यपाल आर.एन. रवि ने वरिष्ठ द्रमुक नेता और पूर्व मंत्री के. पोनमुडी को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिलने के बाद उन्हें फिर से कैबिनेट में शामिल किये जाने वाले प्रस्तावित शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगा दी है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में पिछले साल दिसंबर दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री स्वत: विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिए गए थे। हालाँकि उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उनके द्वारा दायर अपील पर उच्चतम न्यायालय ने 11 मार्च को उनकी दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगा दी थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसके बाद मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने कल राज्यपाल से पोनमुडी के शपथ ग्रहण के लिए संभवत: आज का समय मांगा था।
जब प्रतीत हो रहा था कि चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं और वह इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस बीच सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु कैबिनेट में दोबारा शामिल होने के लिए शपथ ग्रहण की संभावना नहीं है और इसमे एक सप्ताह और देरी हो सकती है। क्योंकि राज्यपाल गुरुवार को पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार तीन दिन के लिये नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। रिपोर्टों में कहा गया है कि मामला ( पोनमुडी की शपथ ग्रहण समारोह) राज्यपाल के विचाराधीन है और राजभवन ने इस पर विशेषज्ञों से कानूनी राय मांगी है। राज्य मंत्रिमंडल कानूनी रूप से तभी सही होगा जब शीर्ष अदालत द्वारा उनकी दोषसिद्धि और सजा रद्द कर दिया जाये ना की अंतरिम रूप से रोक लगायी जाये। राज्यपाल रवि को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लौटने के बाद ही पूरी तस्वीर साफ होगी। (वार्ता)