
- मंदिर भी हुए योगी राज की अव्यवस्था का शिकार : राय
लखनऊ । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसले में चिन्ता जाहिर की है कि यह बहुत ही दुखद है कि मंदिरों को राज्य सरकार से अपना जायज हिस्सा लेने के लिए कोर्ट तक आना पड़ रहा है। ठाकुर रंगजी महाराज विराजमान मंदिर मथुरा द्वारा सरकार के खिलाफ किये गये मुकदमें में उन्होंने कहा कि एक जनवरी 2020 से उनका वर्षिक भत्ता जो यूपी जमींदार उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम 1950 के सेक्शन 99 के तहत निर्धारित है नहीं मिला रहा है, इतना ही नहीं उनके साथ साथ वृन्दावन के अन्य आठ मंदिरों को वार्षिक भत्ता नहीं मिला है। मुकदमा सुन रहे न्यायमूर्ति ने सरकार की इस दलील पर आश्चर्य प्रकट किया कि मंदिरों को पैसा फंड की कमी की वजह से नहीं दिया गया।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि जिस प्रदेश में मंदिरों को उनका जायज हक न मिल पा रहा हो वह राम राज्य की बात करते हैं यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। अपने चुनावी एजेंडे का साधने के लिए मंदिरों का इस्तेमाल करने वाली योगी सरकार उनको उनका हक तक नहीं दे पा रही है।
राय ने कहा कि पिछले चार साल से मंदिर प्रशासन अपना हक मांगने के लिए भटक रहा है और हर रोज हिंदुत्व का झंडा उठाने का दावा करने वाले योगी को मंदिरो के ही दुर्दशा की खबर नहीं है। यह झूठे लोग है और झूठी सरकार है। सच तो यह है कि यह किसी के नहीं है यह सिर्फ अपने फायदे के हैं। राय ने कोर्ट का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस विफल सरकार में कोर्ट ही एकमात्र सहारा रह गया है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि सभी मंदिरों का बकाया वार्षिक भत्ते का तत्काल प्रभाव से भुगतान कराया जाये।