- यदि गजानन के 12 नामों को एक बार में जपना है तो पढ़े ये मंत्र
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः।।
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि।।
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते।।
1-सुमुख : अर्थात सुन्दर मुख वाले।
2-एकदन्त : अर्थात एक दांत वाले।
3- कपिल : अर्थात कपिल वर्ण के।
4- गजकर्ण : अर्थात हाथी के कान वाले।
5- लम्बोदर : अर्थात लम्बे पेट वाले।
6- विकट : अर्थात विपत्ति का नाश करने वाले।
7- विनायक : अर्थात न्याय करने वाले।
8- धूम्रकेतु : अर्थात धुएं के रंग वाली पताका वाले।
9- गणाध्यक्ष : अर्थात गणों के अध्यक्ष।
10- भालचन्द्र : अर्थात मस्तक में चन्द्रमा धारण करने वाले।
11- गजानन : अर्थात हाथी के समान मुख वाले।
12- विघ्ननाशन : अर्थात विघ्नों को हरने वाले।
इन बारह नामों को विद्यारम्भ काल में, विवाह काल में, प्रवेश काल में, निर्गम काल में (यात्रा के समय), संग्राम के समय और संकट के समय जो पढ़े अथवा सुने उन्हें कोई विघ्न नहीं होता है।
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