- बस्तर लोकसभा के 1861 मतदान केंद्रों को भेजी जा रहीं 10 – 10 एमएल की अमिट स्याही
हेमंत कश्यप/जगदलपुर।
मैसूर से आई 10 – 10 एमएल की अमिट स्याही बस्तर लोकसभा क्षेत्र के 14 लाख 66 हजार 337 मतदाताओं के उंगलियों में भी लगाई जाएंगी और यही स्याही स्पष्ट करेगी कि लोकतंत्र के इस महापर्व में किसने हिस्सा लिया। बता दें कि उंगली में लगी यह अमिट स्याही व्यक्ति के मताधिकार का प्रतीक है। देश में जितने भी चुनाव होते हैंl मतदाताओं को चिन्हित करने के लिए अमिट स्याही का उपयोग अनिवार्य रुप से होता आया है।
यह स्याही कर्नाटक की मैसूर पेंट्स एण्ड वार्निश लिमिटेड ही तैयार करती है। इस स्याही को बनाने के लिए 10 % सिल्वर, 14% नाइट्रेड तथा 18% साल्यूशन का उपयोग होता है। इसका उपयोग भारत के अलावा थाईलैंड, सिंगापुर, नाइजीरिया, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान के चुनावों में भी होता है। भारत के आम चुनाव अर्थात लोकसभा – विधानसभा आदि बड़े चुनावों में बैलेट पेपर की जगह ईवीएम मशीनों ने ले ली है किंतु अमित स्याही का उपयोग बदस्तूर जारी है।
बस्तर पहुंची 3722 सीसी
बस्तर लोकसभा क्षेत्र अंर्तगत आठ विधानसभा क्षेत्रों के तहत कुल 1861 मतदान केंद्र हैं। मैसूर पेंट्स एण्ड वार्निश लिमिटेड द्वारा कोंडागांव के 229, बस्तर के 197, नारायणपुर के 243, जगदलपुर के 233, चित्रकोट के 229, दंतेवाड़ा के 273, बीजापुर के 245 तथा कोंटा विधान सभा क्षेत्र के 212 मतदान केंद्रों के लिए 10 – 10 मिली की कुल 3722 सीसियां अमिट स्याही भेजी गई हैं। हर मतदान केंद्र को 2 – 2 सीसी उपलब्ध कराई जाएंगी।
एक सीसी से 700 चिन्हित
बताया गया कि एक सीसी में 10 एमएल अमिट स्याही होती है। इस स्याही का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो 700 मतदाताओं की उंगलियों में इसे लगाकर मतदाता को चिन्हित किया जा सकता है। यह स्याही को सूखने में करीब 60 सेकंड का समय लगता है इसलिए वोटर द्वारा मतदान करने के ठीक पहले ही उसकी उंगली में लगा दिया जाता है ताकि मतदान केंद्र से बाहर निकलने के पहले स्याही अमिट हो जाए।
बस्तर में मतदाता
महिला – 758088
पुरुष – 698197
थर्ड जेंडर – 50
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कुल – 1466337
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